सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को BRS की नेता के.कविता को जमानत देने से इनकार कर दिया। बता दें कि कविता को दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के मामले में ED ने गिरफ्तार किया है। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की बेंच ने कविता से निचली अदालत में जाने को कहा। बेंच ने कहा कि यह एक प्रक्रिया है जिसका यह अदालत पालन कर रही है और वह प्रोटोकॉल को नजरअंदाज नहीं कर सकती।
कोर्ट ने ED को भी जारी किया नोटिस
बेंच ने कहा कि जहां तक PMLA के प्रावधानों को चुनौती देने वाली कविता की याचिका है, अदालत ED को नोटिस जारी कर रही है और 6 हफ्ते में उससे जवाब देने को कह रही है। कविता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से बेंच ने कहा, ‘प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका लंबित मामलों के साथ ली जाएगी।’ सिब्बल ने शुरुआत में कहा कि सरकारी गवाह के बयान के आधार पर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। बेंच ने कहा कि इस समय वह मामले के गुण-दोषों पर विचार नहीं कर रही।
Supreme Court says BRS leader K Kavitha can move trial court or invoke any other remedy for grant of bail and bail application, if any filed, be decided expeditiously.
— ANI (@ANI) March 22, 2024
23 मार्च तक ED की हिरासत में हैं कविता
के. कविता की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे सभी के लिए एक समान नीति का पालन करना होगा। किसी को भी जमानत के लिए सीधे शीर्ष कोर्ट में जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि यह एक राजनीतिक मामला है और के कविता एक राजनीतिक शख्सियत हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कविता की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर एक नोटिस जारी की। अदालत का कहना है कि कविता निचली अदालत में जा सकती हैं या जमानत के लिए कोई और कोई और तरीका अपना सकती हैं। अगर जमानत याचिका दायर की जाती है तो उस पर तेजी से फैसला किया जा सकता है। न्यायमूर्ति संजीव खत्रा, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने प्रोटोकॉल की अनदेखी न करने का आदेश दिया। कहा कि सभी के लिए एक समान नीति का पालन करना होगा और जमानत के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट आने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
पीठ ने कहा कि जहां तक धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों को चैलेंज देने वाली याचिका का सवाल है, अदालत ईडी को नोटिस जारी कर छह हफ्ते के भीतर जवाब मांग रही है। पीठ ने कविता की ओर से पेश वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल से कहा कि इन प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका लंबित मामलों के साथ आएगी। शुरुआत में सिब्बल ने कहा कि सरकारी गवाह के बयान के आधार पर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। इस पर पीठ ने कहा कि वह फिलहाल मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं कर रही है।
कविता इस केस में 15 मार्च को गिरफ्त्तार किया था। उन्हें ईडी हैदराबाद से दिल्ली लेकर आई थी। उन्हें ईडी ने कोर्ट में पेश किया। जहां से वो 23 मार्च के लिए हिरासत में भेज दी गई थीं। इंडी का दावा है कि के कविता उस दक्षिण लॉबी का हिस्सा है जिसने आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर कथित तौर पर साजिश रची। इस लांबी ने दिल्ली शराब नीति में फायदा पाने के लिए आप नेताओं को करीब 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को ही मामले में केजरीवाल को ED द्वारा किसी ‘दंडात्मक कार्रवाई’ के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था।