भारत का लोकसभा चुनाव लोकतंत्र की मजबूती और किस्से-कहानियों को लेकर मशहूर है. देश में इस बार 18वीं लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं. हर बार की तरह इस बार के चुनाव भी कई किस्से-कहानियों की वजह से सुर्खियों में है.
देश में कम से कम 5 ऐसी सीटे हैं, जहां की लड़ाई काफी रोचक मानी जा रही है. इसकी मुख्य वजह मैदान में उतरे वहां के दावेदार हैं. इन 5 सीटों में पश्चिम बंगाल की एक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और हरियाणा की एक-एक सीटें हैं.
तमलुक: यहां वकील से लड़ रहे हैं जज
पश्चिम बंगाल की तमलुक सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय को उम्मीदवार बनाया है. अभिजीत हाल ही में वीआरएस लेकर राजनीति में आए हैं.
तृणमूल ने यहां से फायरब्रांड देबांग्शु भट्टाचार्य को मैदान में उतारा है. देबांग्शु छात्र राजनीति के जरिए तृणमूल में आए हैं.
मुकाबले को रोचक बनाने के लिए सीपीएम ने सयान बनर्जी को प्रत्याशी बनाया है. सयान को कांग्रेस का भी समर्थन प्राप्त है. सयान पेशे से एक वकील हैं. सयान लगातार अभिजीत को निशाने पर ले रहे हैं.
17 में से 7 बार यह सीट सीपीएम और 4 बार कांग्रेस के खाते में गई है. 3 बार यहां तृणमूल को जीत मिली है.
तमलुक सीट पर 2019 में तृणमूल के दिव्येंदु अधिकारी ने जीत हासिल की थी. अधिकारी अब भारतीय जनता पार्टी में हैं. पार्टी ने अधिकारी को कांथी सीट पर भेज दिया, जबकि तमलुक से अभिजीत को मैदान में उतार दिया.
तमलुक लोकसभा में विधानसभा की 7 सीटें हैं. 2021 के विधानसभा चुनाव में इन 7 में से 3 पर बीजेपी और 4 पर तृणमूल ने जीत दर्ज की थी.
हिसार: यहां बहू का मुकाबला अपने ससुर से
हरियाणा की हिसार सीट पर भी रोचक मुकाबला हो गया है. यहां एक ही परिवार से 3 लोग चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी ने हिसार सीट से देवीलाल के बेटे रंजीत चौटाला को प्रत्याशी बनाया है.
जजपा से देवीलाल के पोते अजय चौटाला की पत्नी नैना चुनाव लड़ रही है. वहीं इनेलो ने रविंद्र चौटाला की पत्नी सुनैना को उम्मीदवार बनाया है. नैना और सुनैना के बीच देवरानी और जेठानी का रिश्ता है. वहीं रंजीत चौटाला दोनों के ससुर लगेंगे.
हिसार सीट जाट बाहुल्य माना जाता है और यहां पर 2019 में बीजेपी के बृजेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी. हिसार लोकसभा के अधीन 9 सीटें हैं, जिसमें से 5 पर बीजेपी और 4 पर जेजेपी का कब्जा है.
रणजीत वर्तमान में हरियाणा सरकार में मंत्री हैं. वहीं नैना चौटाला विधायक और जेजेपी सुप्रीमो अजय चौटाला की पत्नी है.
बारामती: ननद की सत्ता छिनने भाभी उतरी मैदान में
महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट का मुकाबला भी इस बार काफी रोचक हो गया है. यहां ननद और भौजाई में आमने-सामने की लड़ाई है. दरअसल, एनसीपी (एसपी) ने बारामती सीट से सुप्रिया सुले को उम्मीदवार बनाया है. कद्दावर नेता शरद पवार की बेटी सुप्रिया अभी यहां से सांसद भी हैं.
एनसीपी (अजित) की तरफ से सुनेत्रा पवार को प्रत्याशी बनाया गया है. सुनेत्रा अजित पवार की पत्नी हैं. अजित शरद पवार के भतीजे हैं. अजित पहले शरद पवार के साथ ही थे, लेकिन 2023 में उनसे अलग होकर एनडीए गठबंधन में चले गए. शरद पवार कांग्रेस के साथ हैं.
बारामती सीट से 6 बार शरद पवार, 3 बार सुप्रिया और 1 बार अजित पवार सांसद रह चुके हैं. इसे एनसीपी का सबसे सेफ सीट माना जाता रहा है.
2019 में सुप्रिया सुले ने बीजेपी के कंचन राहुल को 1 लाख 55 हजार वोटों से हराया था. बारामती लोकसभा के अधीन विधानसभा की 6 सीटें बैंस जिसमें से 2 पर कांग्रेस, 2 पर अजित पवार और 2 पर बीजेपी का कब्जा है.
महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम अजित खुद बारामती सीट से विधायक हैं.
बिष्णुपुर: सौमित्र के खिलाफ पूर्व पत्नी सुजाता कैंडिडेट
पश्चिम बंगाल की बिष्णुपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने सौमित्र खान को उम्मीदवार बनाया है. सौमित्र वर्तमान में यहां से सांसद भी हैं. तृणमूल ने उनकी पूर्व पत्नी सुजाता को टिकट दिया है.
सुजाता और सौमित्र का 2021 में राजनीतिक कारणों से तलाक हो गया था. दरअसल, 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले सुजाता ने तृणमूल का दामन थाम लिया था, जिसके बाद सौमित्र ने उन्हें तलाक दे दिया.
सौमित्र के खिलाफ चुनाव लड़ने के सवाल पर सुजाता का कहना है- यह मेरे लिए अग्निपरीक्षा होगी, लेकिन पार्टी ने जो काम मुझे सौंपा है उसे मैं पूरा करूंगी. मैं यह सीट फिर से पार्टी के झोले में डालने का काम करूंगी.
वहीं सौमित्र खान का कहना है कि यह तृणमूल ने उन्हें वॉकओवर दे दिया है. मैं बिष्णुपुर सीट करीब 4 लाख वोट से जीतूंगा.
बिष्णुपुर लोकसभा बांकुरा और पूर्वी बर्धमान के कुछ हिस्सों को काटकर बनाया गया है. इस लोकसभा में विधानसभा की 7 सीटें हैं, जिसमें से 2021 में 4 पर तृणमूल और 3 पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
बालाघाट: पार्टी के लिए पत्नी ने छोड़ा पति का ‘साथ’
मध्य प्रदेश की बालाघाट सीट पर भी चुनाव के दौरान मजेदार कहानी देखने को मिल रही है. यहां पर पार्टी के लिए पत्नी ने पति का साथ छोड़ दिया है.
दरअसल, बालाघाट सीट पर कांग्रेस ने सम्राट सारस्वत को मैदान में उतारा है. इसके विरोध में विधायक अनुभा मुंजारे के पति और पूर्व सांसद कांकेर मुंजारे ने बीएसपी के सिंबल पर ताल ठोक दिया है.
कांकेर के इस फैसले से नाराज अनुभा ने पति के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है.
कांकेर का कहना है कि जब मैंने बीएसपी से नामांकन दाखिल किया, तो मेरी पत्नी ने मुझे 14 दिन के लिए वनवास की सजा सुना दी. कांकेर के मुताबिक मैं अभी अपनी पत्नी से अलग रह रहा हूं.
वहीं अनुभा कांग्रेस उम्मीदवार को जीताने के लिए लगातार कैंपेन चला रही हैं. बालाघाट लोकसभा सीट दलित के लिए रिजर्व है और 1998 से बीजेपी यहां जीत रही है.
पार्टी ने इस बार भारती पारधी को उम्मीदवार बनाया है. बालाघाट लोकसभा में विधानसभा की 8 सीटें हैं, जिसमें से 4 पर कांग्रेस और 4 पर बीजेपी का कब्जा है.