केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले से देश में कौशल विकास को और अधिक मजबूती मिलेगी, खासकर उभरती तकनीकों जैसे एआई, साइबर सुरक्षा, ग्रीन हाइड्रोजन और 5जी/6जी दूरसंचार के क्षेत्र में। स्किल इंडिया कार्यक्रम को 2026 तक जारी रखने और इसके पुनर्गठन के लिए 8,800 करोड़ रुपये की मंजूरी से प्रशिक्षुओं और उद्योगों को सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्य बिंदु:
- पीएमकेवीवाई 4.0: उद्योग-संबंधित कौशल में प्रशिक्षण और प्रमाणन
- पीएम-एनएपीएस: प्रशिक्षुओं को रोजगार देने पर उद्योगों को वित्तीय प्रोत्साहन
- जन शिक्षण संस्थान (JSS): ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण
- आईटीआई और अन्य संस्थान: 15,000 आईटीआई और 307 जेएसएस में 28.38 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग: कार्यकाल अप्रैल 2025 से मार्च 2028 तक बढ़ाया गया
रेलवे से जुड़ा अहम फैसला
- रायगढ़ा में नया रेलवे डिवीजन स्थापित
- वाल्टेयर डिवीजन का नाम बदला, अब होगा विशाखापत्तनम रेलवे डिवीजन
- दक्षिण तटीय रेलवे जोन संसद द्वारा की गई प्रतिबद्धता को पूरा करेगा
प्रभाव:
- रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा
- तकनीकी और उन्नत क्षेत्रों में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी
- रेलवे संचालन में दक्षता आएगी, जिससे आंध्र प्रदेश और आसपास के राज्यों को लाभ होगा
सरकार के ये फैसले युवाओं को अधिक रोजगारपरक कौशल प्रदान करने और उद्योगों को प्रशिक्षित कार्यबल उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।