देश के स्वतंत्रता सेनानियों को लेकर अक्सर बहस छिड़ी रहती है. उन्हीं में से एक हैं सावरकर. इनको लेकर राहुल गांधी अक्सर बयान देते हैं. सावरकर को लेकर राहुल अक्सर माफी मांगने का जिक्र करते हैं. वो उनको डरपोक बताते हैं. वहीं बीजेपी उनको सच्चा देशभक्त मानती है. उन्हीं की सरकार में सावरकर की तस्वीर संसद भवन में लगाई गई. इसको लेकर अक्सर दोनों पार्टियां आमने सामने रहती हैं. अब RSS ने भी इस पर हमला बोला है. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि सावरकर के बारे में उल्टा सीधा बोलने वाले से मैं पूछता हूं कि जब आजादी की लड़ाई में हमारे सैकड़ों क्रांतिकारियों को फांसी हुई तो आपके दादा, परदादा या किसी और को फांसी हुई.
RSS ने बिना नाम लेकर राहुल गांधी पर हमला बोला है. प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, खुदीराम बोस, रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्र शेखर आजाद जैसे हजारों क्रांतिकारियों ने देश के लिए हंसते-हंसते जान दे दी. लेकिन आपके दादा, परदादा या आपको कोई बाकी सदस्यों में से किसी को फांसी हुई. नहीं हुई. ऐसा क्यों? उन्होंने कहा कि स्वतंत्र वीर सावरकर से किसी ने पूछा कि आपने इतनी यातनाएं कैसे सहन कर ली. आपके पास अच्छे स्मरण होने चाहिए. जब आप पीड़ा में रहते हैं तो याद आती है. आपके पास स्मरण कौन से हैं. ये बहुत महत्वपूर्ण है. आप पर दबाव देते हैं तो उसको आप सोचने लगते हैं. अगर आपको पास पॉजिटिव सोच नहीं है. अगर कोई पॉजिटिव यादें नहीं हैं.
सावरकर को लेकर राजनीति हमेशा गर्म रहती है. हालांकि जिस वक्त महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ कांग्रेस का गठबंधन हुआ और उद्धव ठाकरे सीएम बने तब भी राहुल गांधी ने सावरकर को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया था. उस वक्त शिवसेना (अब टूट चुकी है) ने राहुल गांधी को सावरकर के खिलाफ बोलने से बचने के लिए कहा था. संजय राउत ने कहा था कि सावरकर देशभक्त हैं. उन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी.
हालांकि बीजेपी लगातार ये हमला करती रही कि शिवसेना कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार क्यों बनाए हुए हैं. जबकि दोनों की राहें अलग-अलग हैं. शिवसेना ने कभी सावरकर पर राजनीति नहीं की. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी महाराष्ट्र में रैली को संबोधित कर रहे थे. तब बिरसा मुंडा की जयंती थी. जब भी उन्होंने बयान देते हुए कहा था कि एक तरफ बिरसा मुंडा जैसी महान शख्सियत हैं जो अंग्रेजों के सामने झुके नहीं. दूसरी तरफ सावरकर हैं जो माफी मांगते थे.