उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा क्षेत्र में घटित एक महत्वपूर्ण सामाजिक और धार्मिक घटना है, जो भारत में “घर वापसी” आंदोलन की एक और मिसाल बन गई है।
प्रमुख बिंदु:
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20 साल बाद घर वापसी:
एंथनी जॉन ने अपने पिता राजू जॉन (पूर्व में राजू) द्वारा अपनाए गए ईसाई धर्म को त्यागकर, पूरे परिवार के साथ सनातन हिंदू धर्म में वापसी की है। -
धार्मिक अनुष्ठान:
यह घर वापसी 11 मई 2025 (रविवार) को खुर्जा के गांधी मार्ग स्थित आर्य समाज मंदिर में शुद्धि यज्ञ और हवन के माध्यम से संपन्न हुई। इसके तहत यज्ञोपवीत संस्कार और अन्य धार्मिक विधियां भी संपन्न कराई गईं। -
नाम परिवर्तन:
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एंथनी जॉन का नाम बदलकर टीटू कुमार रखा गया।
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उनकी पत्नी पहले से ही हिंदू थीं और उनका नाम यशोदा ही था।
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बेटे का नाम पहले से ही ओम है, जो बिना परिवर्तन के ही रखा गया।
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प्रक्रिया में भूमिका:
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एंथनी की पत्नी यशोदा ने विश्व हिंदू परिषद के प्रांत परावर्तन प्रमुख धर्म प्रसार सुनील सोलंकी को इसकी जानकारी दी।
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सोलंकी के संपर्क और मार्गदर्शन में यह पूरा धार्मिक अनुष्ठान और घर वापसी प्रक्रिया हुई।
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सामाजिक सहभागिता:
इस कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं, स्थानीय समाजसेवियों, और आसपास के निवासियों ने भाग लिया, जिससे इसे सार्वजनिक और सामाजिक समर्थन प्राप्त हुआ।
संदर्भ और व्यापक महत्व:
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घर वापसी अभियान:
यह घटना ‘घर वापसी’ अभियान की एक हालिया मिसाल है, जिसके अंतर्गत वे लोग जो किसी कारणवश सनातन धर्म से अलग हो गए थे, उन्हें पुनः हिंदू धर्म में लाया जा रहा है। -
सामाजिक विमर्श:
यह कदम सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक स्तर पर विमर्श का विषय बन सकता है, खासकर उत्तर भारत में जहां धर्मांतरण और पुनः धर्म में लौटने की घटनाएं राजनीतिक और सामाजिक रूप से चर्चित रहती हैं। -
धर्मांतरण और पहचान:
यह घटना इस बात को भी रेखांकित करती है कि कैसे धार्मिक पहचान, संस्कार, और परिवारिक परंपराएं लंबे समय बाद भी अपनी जड़ें बनाए रखती हैं, और उपयुक्त परिस्थितियों में लोग अपनी मूल धार्मिक पहचान को पुनः अपनाना चाहते हैं।