आम आदमी पार्टी की नेत्री और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी द्वारा भारत विरोधी ‘100 पर भारत: टुवर्ड्स बीइंग ए ग्लोबल लीडर’ आयोजन में गुरुवार को शामिल हुईं। इस दौरान भारत की सफलताओं की कहानी को कमतर करके पेश करने की कोशिश की।
आयोजन में आतिशी ने कहा, “हमें अक्सर बताया जाता है कि भारत की जीडीपी अब ट्रिलियन डॉलर के आँकड़े को पार कर गई है। हमें बताया गया है कि भारत सबसे तेज़ G20 अर्थव्यवस्था है और ऐसी कई अन्य जानकारी दी गईं। हालाँकि, वास्तविकता उससे कहीं अधिक चिंताजनक और कमतर है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि एक बेहतर संकेतक, जो वास्तव में आपको देश की स्थिति के बारे में बताता है, वह मानव विकास सूचकांक है… कुछ संकेतक हैं जिनमें 190 देश भाग लेते हैं। भारत 191 में से 132वें स्थान पर है। यह 75वें साल का भारत है।”
आतिशी ने यह भी कहा कि जबकि भारत खुशी चाहता है और यह अपने पड़ोसियों- श्रीलंका, भूटान और पाकिस्तान जैसे देशों को मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) से बेहतर है।
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा, “हमें बताया गया है कि भारत में अरबपतियों की सबसे बड़ी संख्या है… जो 2020 और 2022 के बीच 102 से 166 हो गई है। इन सबके बीच एक और आँकड़ा है, जो 2020 से 2022 तक बढ़ा है, यानी देश में भूखे लोगों की संख्या। इन लोगों के पास पर्याप्त भोजन नहीं है।”
उन्होंने आरोप लगाते हुए आगे कहा, “यह संख्या उसी अवधि की है, जब अरबपतियों की संख्या बढ़ रही थी। भूखे लोगों की संख्या 19 करोड़ से 35 करोड़ हो गई। भारत दुनिया में खाद्यान्न का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, फिर भी यह ऐसा देश है जहाँ सबसे अधिक संख्या में लोग कुपोषित हैं।”