मुख्य तथ्य:
- अभियुक्त: अनुराधा पासवान
- मूल निवासी: कोल्हुई बाजार, रूद्रपुर, महराजगंज (उत्तर प्रदेश)
- वर्तमान: शिव नगर, भोपाल
- गिरफ्तारी: 19 मई को भोपाल से (फर्जी ग्राहक बनाकर पुलिस ने पकड़ा)
- ठगी की संख्या: अब तक 25 से ज्यादा शादियां कर चुकी है, हर बार शादी के कुछ दिन बाद ही कैश, गहने और मोबाइल लेकर फरार हो जाती थी।
- गैंग का नेटवर्क:
- ऑपरेशन बेस: भोपाल
- शामिल लोग: रोशनी, सुनीता, रघुवीर, गोलू, अर्जुन आदि
- कार्यप्रणाली: फोटो दिखाकर दलालों के जरिए लड़कों को फंसाना, शादी करवाना, फिर दुल्हन का सामान समेत गायब हो जाना।
- शिकायतकर्ता: विष्णु शर्मा (सवाई माधोपुर, राजस्थान)
- घटना: 2 लाख रुपये में शादी तय कराई गई थी।
- शिकायत: शादी के एक हफ्ते बाद दुल्हन सामान समेत फरार।
पुलिस की कार्रवाई:
- राजस्थान पुलिस (मानटाउन थाना) द्वारा अभियुक्त को ट्रैक कर भोपाल से गिरफ्तार किया गया।
- फर्जी ग्राहक बनाकर जाल बिछाया गया, जिसके तहत अनुराधा को पकड़ा गया।
- अब पूरे नेटवर्क की जांच जारी है। अन्य आरोपियों की तलाश और ठगी के पैसों-सामान की रिकवरी की जा रही है।
इस केस का सामाजिक और कानूनी महत्व:
- शादी जैसे सामाजिक बंधन का दुरुपयोग:
अनुराधा जैसी महिलाएं न केवल पुरुषों को ठग रही हैं, बल्कि विवाह जैसी संस्था पर भी सवाल खड़े कर रही हैं। - इंटरस्टेट गैंग का पर्दाफाश:
यह मामला इस बात को उजागर करता है कि भारत में ऐसे फर्जी शादी गिरोह मध्य प्रदेश, राजस्थान, यूपी, बिहार जैसे राज्यों में सक्रिय हैं। - कानूनी सुधार की आवश्यकता:
ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई और संपत्ति जब्ती जैसे सख्त प्रावधानों की जरूरत है ताकि पीड़ितों को जल्दी न्याय मिले।
निष्कर्ष:
अनुराधा पासवान की गिरफ्तारी से एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है, लेकिन यह केवल एक चेहरा है – अभी पूरे गिरोह को पकड़ना बाकी है। यह मामला समाज को सतर्क रहने की चेतावनी भी देता है कि विवाह जैसे मामलों में जल्दबाजी और बिना जांच के निर्णय कितना बड़ा धोखा साबित हो सकता है।