संगम नगरी में महाकुंभ की तैयारियों पर आज (8 जुलाई) अहम बैठक बुलाई गई है. बैठक में महाकुंभ मेले की रूपरेखा तैयार की जाएगी. प्रयागराज मेला प्राधिकरण (Prayagraj Mela Authority) के आई ट्रिपल सी सभागार में करीब 11 बजे से बैठक शुरू होगी. अखाड़ा परिषद के दो फाड़ होने की वजह से अखाड़ों को अलग बुलाया गया है. सभी तेरह अखाड़ों से दो दो प्रतिनिधियों को निमंत्रण दिया गया है. कमिश्नर प्रयागराज विजय विश्वास पंत और महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद बैठक में शामिल रहेंगे.
माना जा रहा है कि महाकुंभ में पड़ने वाले प्रमुख स्नान पर्वों की तारीखों का भी औपचारिक ऐलान हो सकता है. कुंभ के आयोजन पर अखाड़ों से राय मांगी गई है. कई प्रतिनिधि बैठक में शामिल होने के लिए शुक्रवार को ही प्रयागराज पहुंच गए थे. वर्ष 2025 में महाकुंभ का महास्नान 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ शुरू होगा. 14 जनवरी को ‘मकर संक्रांति’ शाही स्नान और 29 जनवरी को मौनी अमावस्या स्नान पर्व होगा. बसंत पंचमी का तीसरा और अंतिम शाही स्नान 3 फरवरी को होगा. इस बार महाकुंभ 45 दिन का होगा.
महाकुंभ से पहले राज्य सरकार ने पर्यटन के अलावा मंदिरों को सौंदर्य करने का भी प्रस्ताव बनाया है. नगर निकाय चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद संगम नगरी में महाकुंभ की कवायद होने लगी थी. करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं की अगवानी के लिए प्रयागराज को दुल्हन की तरह सजाया-संवारा जा रहा है. रेलवे की नई लाइन बिछाने के साथ प्रयागराज जंक्शन का भी कायाकल्प कराया जा रहा है. पुराने और नए शहर को जोड़ने वाले सबसे प्रमुख रास्ते को 100 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. रेलवे प्रोजेक्ट में यूपी सरकार के करीब आधा दर्जन विभागों का सहयोग प्राप्त है. रोजाना तीन शिफ्ट में दिन रात काम युद्ध स्तर पर कराए जा रहे हैं.