पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए भविष्यवाणी की कि केंद्र में बीजेपी की सरकार सिर्फ 6 महीने के लिए बची है. अगले साल फरवरी-मार्च के महीने में लोकसभा चुनाव होंगे. जलपाईगुड़ी की सभा में उन्होंने इस दावे के साथ-साथ कहा कि स्थानीय चुनाव में भी हम जीतेंगे और बीजेपी को करारी हार मिलेगी.
सीएम ममता ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी के इशारे पर बीएसएफ सीमा से सटे इलाकों में चुनाव के दौरान लोगों को डराने-धमकाने का काम करती है. वहीं, बीएसएफ ने इस आरोप का खंडन करते हुए इसे निराधार बताया.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस, बीजेपी और माकपा मिले हुए हैं. उन्होंने जनता से इन पार्टियों को स्थानीय चुनाव में हराने की अपील की. साथ ही 2024 में केंद्र की बीजेपी सरकार को भी हटाने का आह्वान किया. ममता ने आरोप लगाया कि बीएसएफ का ‘निर्दोष ग्रामीणों पर गोलियां चलाना’ निंदनीय है और पुलिस से उसकी गतिविधियों पर नजर रखने को भी कहा.
उन्होंने रैली में कहा, ‘मुझे जानकारी मिली है कि पंचायत चुनाव से पहले बीएसएफ के कुछ अधिकारी सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, मतदाताओं को धमका रहे हैं और उन्हें वोट न देने के लिए कह रहे हैं. मैं लोगों से कहूंगी कि वे डरें नहीं और निडर होकर चुनाव में हिस्सा लें. पुलिस ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज करेगी और कानून अपना काम करेगा.’
उन्होंने कहा, “उन्हें किसी को गोली मारने का अधिकार नहीं है. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है; ऐसा लगता है कि कूचबिहार जिले में लोगों को मारना एक आम बात हो गया है.” इस पर बीएसएफ गुवाहाटी फ्रंटियर ने एक बयान में कहा, ‘यह बताना है कि कूचबिहार में एक रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बीएसएफ पर जो आरोप लगाए हैं, वे पूरी तरह बेबुनियाद एवं सत्य से परे हैं.बीएसएफ एक पेशेवर बल है जिसे भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा की चौकसी करने का जिम्मा मिला है और उसने किसी भी सीमावर्ती क्षेत्र में लोगों या मतदाताओं को किसी भी वजह से कभी नहीं डराया-धमकाया.’