मणिपुर में महिलाओं को नग्न परेड कराए जाने और उनका गैंगरेप किए जाने की घटना में पुलिस ने अब तक 4 आरोपितों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। बता दें कि 4 मई, 2023 का ये वीडियो अब वायरल हुआ, जिसके बाद न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए सरकार को कार्रवाई करने के लिए कहा, बल्कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर दुःख जताते हुए आश्वासन दिया कि एक भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। मॉनसून सत्र का पहला दिन इसी घटना के कारण विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया।
अब पुलिस ने ये पता लगा लिया है कि आखिर इस घटना के पीछे कारण क्या था। असल में एक फेक न्यूज़ फैलने के बाद आरोपितों की भीड़ ने इस वारदात को अंजाम दिया। दिल्ली की एक घटना की तस्वीर को मणिपुर में बलात्कार और हत्या का बता कर वायरल कर दिया गया था, और बताया गया था कि ये मैतेई लड़की है जिसका कुकी लोगों ने रेप किया, फिर हत्या कर दी। प्लास्टिक शीट में लपेटी हुई उस लड़की की लाश की तस्वीर वायरल हो गई।
जबकि असल में ये घटना नवंबर 2022 की दिल्ली की थी। आयुषी चौधरी हत्याकांड को मृतका के माँ-बाप ने ही अंजाम दिया था। पुलिस ने फेक न्यूज़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। इसके बाद भीड़ आक्रोशित हो गई और गाँव में घुस कर घरों को लूटा जाने लगा, जलाया जाने लगा। इसी दौरान 5 लोग वहाँ से किसी तरह भाग निकले, जिनमें 2 पुरुष और 3 महिलाएँ थीं। इसके बाद इनमें से एक महिला का गैंगरेप किया गया। तीनों को नग्न कर के उनका जुलूस निकाला गया।
मणिपुर पुलिस ने जानकारी दी है कि इस मामले में 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, बाकियों की धर-पकड़ के लिए भी तलाश जारी है। थोउबल जिला स्थित नांगपोक सेकमाई पुलिस थाने के अंतर्गत ये कार्रवाई की जा रही है। इस घटना का मुख्य आरोपित 32 वर्षीय हुइरेम हेरोदेस पहली ही गिरफ्तार कर लिया गया था, अब 3 और गिरफ्तारियाँ हुई हैं। बता दें कि इस घटना के संबंध में 18 मई को ही FIR दर्ज कर ली गई थी, लेकिन कार्रवाई इसके 2 महीने बाद तब शुरू हुई जब वीडियो वायरल
वहीं मुख्य आरोपित की गिरफ़्तारी के बाद आक्रोशित भीड़ ने उसके घर को भी आग के हवाले कर दिया। याइरीपोक गाँव में स्थित उसके घर को गुस्साए ग्रामीणों ने जला डाला। जैसे ही उन्हें पता चला कि वो गिरफ्तार हो गया है, लोग उसके घर के पास जुट गए। इसके बाद घर को फूँक दिया। पुलिस इस मामले की भी जाँच कर रही है। अन्य आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए भी पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। घर जलाने में शामिल भीड़ में अधिकतर महिलाएँ नजर आ रही हैं।
मीडिया में सूत्रों के हवाले से ये भी कहा जा रहा है कि ऐसा हो सकता है कि कई आरोपित दूसरे राज्यों में भाग गए हों। पुलिस ने भी इस आशंका से इनकार नहीं किया है। मणिपुर पुलिस ने इस मामले में अपहरण, हत्या और सामूहिक बलात्कार की धाराओं में मामला दर्ज किया है। एक 21 वर्षीय पीड़िता के भाई और पिता की भी हत्या कर दी गई। राज्य महीनों से मैतेई-कुकी संघर्ष की हिंसा से पीड़ित है। 53% मैतेई समाज को ST का दर्जा दिए जाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद ये दंगे शुरू हुए थे।