पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और बीजेपी से राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने नेहरू संग्रहालय का नाम बदले जाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है तो वहीं कांग्रेस को वंशवादी करार देते हुए तीखा प्रहार किया है. नीरज शेखर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक ट्वीट को शेयर करते हुए निशाना साधा
शुक्रवार (16 जून) को दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी’ कर दिया गया. सरकार के इस कदम की कांग्रेस आलोचना कर रही है. कांग्रेस को बीजेपी नेताओं की ओर से जवाब दिया जा रहा है.
शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया था, ”जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं! नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता.”
उन्होंने आगे लिखा था, ”इससे केवल बीजेपी-आरएसएस की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है. मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती!”
कांग्रेस अध्यस का ट्वीट को शेयर करते हुए नीरज शेखर ने एक लंबे थ्रेड में पलटवार किया. उन्होंने लिखा, ”मेरे पिता, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने हमेशा राष्ट्रहित के लिए काम किया. उन्होंने कांग्रेस के साथ भी काम किया लेकिन उन्होंने (कांग्रेस) कभी एक वंश से परे नहीं देखा. अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी दलों के प्रधानमंत्रियों को सम्मानित किया तो कांग्रेस उत्तेजित हो रही है. यह भयानक रवैया है.”
राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने आगे लिखा, ”मैं कांग्रेस के सभी नेताओं से पूछना चाहता हूं- वे कितनी बार प्रधानमंत्री संग्रहालय गए भी हैं? क्या कभी सोनिया जी या राहुल जी वहां गए हैं? इस तथ्य को स्वीकार करने में उनकी अक्षमता कि एक वंश से परे लोगों ने हमारे राष्ट्र का निर्माण किया है, विकृत है और वे स्पष्ट निंदा के पात्र हैं.”
नीरज शेखर ने आगे लिखा, ”प्रधानमंत्रियों का सम्मान तो दूर की बात है, कांग्रेस और उसके शाही वंश ने उन प्रधानमंत्रियों का अपमान किया है जो उनके वंश के नहीं हैं. नरसिम्हा राव जी के प्रति व्यवहार हमारे राजनीतिक इतिहास के सबसे शर्मनाक अध्यायों में से एक के रूप में जाना जाएगा.”
नीरज शेखर ने लिखा, ”प्रधानमंत्री म्यूजियम में पार्टी लाइन की परवाह किए बिना हर पीएम को मान और सम्मान मिला है. उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति को दिखाता है.”