अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और USA के राष्ट्रपति जो बायडेन की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान WSJ की पत्रकार सबरीना सिद्दीकी को सवाल पूछने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था से लेकर भारत-अमेरिका संबंधों की बजाए भारत की नकारात्मक छवि बनाने की कोशिश करते हुए इस्लामी कट्टरपंथियों वाला प्रोपेगंडा चलाया। अपने सवाल में उन्होंने दावा किया कि भारत में मुस्लिमों की स्थिति अच्छी नहीं है। हालाँकि, पीएम मोदी से उन्हें करारा जवाब मिला।
अब सबरीना सिद्दीकिक का एक पुराना ट्वीट वायरल हुआ है, जिसके बाद उनका सर सैयद अहमद खान के साथ कनेक्शन सामने आया है। सर सैयद अहमद खान वही कट्टरपंथी हैं, जिन्होंने भारत के विभाजन की बात की थी। अंग्रेजों ने उन्हें वफादारी के लिए ‘सर’ की उपाधि से नवाजा था। सर सैयद अहमद खान कहते थे कि अंग्रेजों को अल्लाह ने राज़ करने के लिए भेजा है और मुस्लिमों के करीबी अगर कोई हो सकते हैं तो वो हैं ईसाई।
मार्च 14, 1888 को मेरठ में दिए गए भाषण में सैयद अहमद खान ने कहा था– “हमारे पठान बंधु पर्वतों और पहाड़ों से निकलकर सरहद से लेकर बंगाल तक खून की नदियाँ बहा देंगे। अंग्रेज़ों के जाने के बाद यहाँ कौन विजयी होगा, यह अल्लाह की इच्छा पर निर्भर है। लेकिन जब तक एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र को जीतकर आज्ञाकारी नहीं बनाएगा तब तक इस देश में शांति स्थापित नहीं हो सकती।” सर सैयद अहमद खान ने हिन्दुओं के खिलाफ सशस्त्र जिहाद की घोषणा की थी।
बता दें कि सबरीना सिद्दीकी के अम्मी-अब्बू पाकिस्तानी हैं। उन्होंने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है और अपने शौहर के साथ अमेरिका में रहती हैं। वो व्हाइट हाउस को अपने मीडिया संस्थान के लिए कवर करती हैं। सबरीना सिद्दीकी अक्सर सोशल मीडिया पर भारत विरोधी आर्टिकल्स शेयर करती रहती हैं। अब लिबरल गिरोह उनकी प्रशंसा करने में लगा है। मोदी सरकार में मुस्लिम तुष्टिकरण क्यों बंद हो गया है – इन सभी की मुख्य चिंता यही है।