जहरीले बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले सपा महासचिव आजम खां को कानूनी बैरियर तोड़ने का खामियाजा अब ढंग से भुगतना पड़ रहा है। नफरती भाषण देने के एक और मामले में आजम दोषी करार दिए गए हैं। रामपुर कोर्ट ने उनको दो साल की सजा सुनाई है और उन पर जुर्माना भी डाला है। हेट स्पीच के एक अन्य केस में तीन साल की सजा होने के बाद उनकी विधायकी पहले ही जा चुकी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व मंत्री आजम खां ने लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच 18 अप्रैल 2019 को रामपुर का हेट स्पीड सामने आया था। रामपुर में थाना शहजादनगर क्षेत्र के गांव धमारा में जनसभा के दौरान उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। उनके नफरती भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। मामला संज्ञान में आने पर रामपुर में उस वक्त एडीओ सहकारिता के पद पर तैनात अनिल चौहान ने थाना शहजादनगर में आजम खां के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस के लंबी इन्वेस्टीगेशन में आजम खां के खिलाफ हेट स्पीच देने के मामले में पर्याप्त सबूत पाए गए। जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। शनिवार को रामपुर कोर्ट ने आजम खां को नफरती भाषण मामले में दोषी करार दिया है। करीब चार साल चली सुनवाई के बाद आजम खां को न्यायालय ने नफरती भाषण देने के मामले में दोषी पाया और उन्हें दो साल की सजा के साथ सुनाते हुए जुर्माना भी डाला है।
इससे पहले 27 अक्टूबर को कोर्ट ने आजम खां को हेट स्पीच के एक अन्य केस में तीन साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उनके विधानसभा से सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था। सपा सरकारों में हर बार मंत्री रहे आजम खां की छवि शुरू से खासी विवादित रही है और भड़काऊ बयान देकर वह लगातार समाज में बैमनश्यता का जहर खोलते रहे हैं। उनके खिलाफ विभिन्न थानों में तमाम आपराधिक केस दर्ज चल रहे हैं। एक के बाद एक मुकदमों में सजा होते जाने से आजम का राजनीतिक कैरियर लगभग खत्म माना जा रहा है।