एनसीपी में टूट के बाद पार्टी चीफ शरद पवार आज महाराष्ट्र के सतारा पहुंचे और वहां कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इस मौके पर शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र को अपनी ताकत दिखानी होगी. महाराष्ट्र में जातिवाद नहीं चलेगा. धर्म के नाम पर दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही है. चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है. हर फिर से नई शुरुआत करेंगे. आज देश और महाराष्ट्र में कुछ समूहों की तरफ से जाति और धर्म के नाम पर समाज के बीच दरार पैदा की जा रही है. हम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सेवा कर रहे थे लेकिन कुछ लोगों ने हमारी सरकार गिरा दी. देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी ऐसा ही हुआ.
इस बीच एनसीपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि हमने कल रात विधानसभा अध्यक्ष को एक याचिका भेजी है. हमने उनसे हमारी बात सुनने की अपील की है. विधानसभा में हमारी पार्टी के विधायकों की संख्या 53 है, जिनमें से 9 ने दलबदल किया है, बाकी सभी हमारे साथ हैं. हम उन्हें वापस आने का उचित मौका देंगे लेकिन जो वापस नहीं आएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
Today, in Maharashtra and the country, a rift is being created between the society in the name of caste and religion by some groups: NCP President Sharad Pawar pic.twitter.com/0rUtfW4lWi
— ANI (@ANI) July 3, 2023
2 जुलाई यानी रविवार का दिन महाराष्ट्र की सियासत के नाम रहा है. महाराष्ट्र में कल बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला. अजित पवार एक घंटे के भीतर नेता विपक्ष से डिप्टी सीएम बन गए और चाचा शरद पवार देखते ही रह गए. भतीजे अजित पवार ने खेल कर दिया. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस NCP ही नहीं बल्कि पूरी विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. एक तरफ विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होने का दावा कर रहा है, वहीं महाराष्ट्र में हुए इस बड़े सियासी उलटफेर ने विपक्ष के सभी नेताओं की टेंशन में इजाफा कर दिया है.
अचानक हुए इस सियासी घटनाक्रम ने एनसीपी को तोड़ दिया है. अभी पूरा एक महीना भी नहीं हुआ था जब सुप्रिया सुले को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और NCP में सबसे बड़ी बगावत देखनी पड़ी. अजित पवार ने चाचा से बगावत कर शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम की शपथ ले ली. सवाल उठ रहे हैं कि शरद पवार सियासी सूरमा को अपनी ही पार्टी में बगावत की भनक कैसे नहीं लगी. सवाल तो ये भी उठ रहा है कि क्या सियासी उलटफेर की पटकथा लंबे समय से लिखी जा रही थी?