पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के कारण और बर्फबारी से गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। काशी में घाटों का संपर्क भी टूटने लगा है। कई घाटों पर गंगा की तरफ से सीढ़ियां डूब गईं हैं। कानपुर के गंगा बैराज से 2.46 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। तीन सेंटीमीटर घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। 63.13 मीटर गंगा का जलस्तर रिकॉर्ड किया गया है। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के शवदाह स्थल भी डूब गए हैं।
पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश से गंगा का जलस्तर उफान पर है। दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती का स्थान भी बदल दिया गया है। चबूतरे के बजाय पीछे प्लेटफॉर्म पर ही बुधवार को मां गंगा की आरती का आयोजन करना पड़ा। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है तो दूसरी ओर घाट पर एक-एक सीढ़ियां चढ़ती गंगा का रुख अब तल्खी की ओर है। माना जा रहा है कि मां गंगा का जलस्तर और बढ़ा तो प्लेटफॉर्म के पीछे सीढ़ियों पर गंगा आरती की व्यवस्था करनी पड़ेगी। इसके साथ ही आरती में बैठने की जगह भी कम होती जाएगी।
मां गंगा की आरती के दौरान सतर्कता बरती जा रही है। ऐसे में गंगा सेवा निधि द्वारा की जाने वाली प्रतिदिन गंगा आरती का स्थान बुधवार को परिवर्तित कर दिया गया। स्थान परिवर्तन के बावजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा दैनिक संध्या आरती में शामिल हुए। इस दौरान पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए मौजूद रहे। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मां गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। ऐसे में मां गंगा की आरती का स्थान आज पहली बार परिवर्तित किया गया है। उन्होंने बताया कि अब जैसे-जैसे गंगा का जलस्तर बढ़ेगा वैसे-वैसे स्थान बदलता जाएगा।