जम्मू-कश्मीर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: हिजबुल आतंकियों की संपत्तियां जब्त
रामबन (जम्मू-कश्मीर): जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रामबन जिले के गूल इलाके में हिजबुल मुजाहिदीन के पांच आतंकियों की अचल संपत्तियां जब्त कर ली हैं। ये आतंकी पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर (POJK) में रहकर भारत में आतंकवादी गतिविधियों का संचालन कर रहे थे।
कार्रवाई के मुख्य बिंदु:
✅ आतंकवाद की फंडिंग पर बड़ा प्रहार
🔹 इन संपत्तियों को बेचने की साजिश आतंकवादी संगठनों की वित्तीय मदद के लिए रची गई थी।
🔹 पुलिस की कार्रवाई से हिजबुल मुजाहिदीन के फंडिंग नेटवर्क को कमजोर करने में मदद मिलेगी।
✅ जब्त की गई संपत्तियां और आतंकी
🔹 सराज दीन (48) – संगलदान
🔹 रेयाज अहमद (45) – दलवाह
🔹 फारूक अहमद (46) – बंज भीमदासा
🔹 मोहम्मद अशरफ (50) – मोइला
🔹 मुश्ताक अहमद (47) – मोइला
🔹 सभी आतंकवादी POJK में सक्रिय हैं और वहीं से अपनी गतिविधियां चला रहे थे।
✅ कड़ा संदेश: आतंकवाद के पुनरुद्धार की कोशिश नाकाम
🔹 जब्ती आदेश के बाद बिना पुलिस या प्रशासन की अनुमति के इन संपत्तियों की खरीद-बिक्री नहीं हो सकेगी।
🔹 पुलिस ने हिजबुल आतंकियों और उनके समर्थकों को चेतावनी दी कि आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
✅ परिवारों को कानूनी और वित्तीय बाधाओं का सामना
🔹 इन आतंकियों के परिवार अब संपत्ति से कोई वित्तीय लाभ नहीं उठा सकेंगे।
🔹 इससे वे आतंकी संगठनों को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देने में असमर्थ हो जाएंगे।
✅ आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
🔹 J&K प्रशासन लगातार आतंकी फंडिंग, ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) और घुसपैठियों पर कार्रवाई कर रहा है।
🔹 सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को कमजोर करने की दिशा में यह एक और कदम है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियां कड़े कदम उठा रही हैं। आतंकियों की संपत्तियों की जब्ती सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति को दर्शाती है और यह भविष्य में आतंकवाद के वित्तीय स्रोतों को नष्ट करने में सहायक साबित होगी।