हरियाणा की सुनारिया जेल के अधीक्षक रहे सुनील सांगवान बीजेपी में शामिल हो गए हैं. सांगवान के जेलर रहते बलात्कार और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम को छह बार पैरोल या फर्लो पर रिहा किया गया. सुनील सांगवान हरियाणा की चरखी दादरी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. सांगवान 22 वर्षों से अधिक समय से सरकारी सेवा में रहे. वह 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे. उन्होंने कई जेलों के अधीक्षक के रूप में कार्य किया है, जिसमें रोहतक की सुनारिया जेल भी शामिल है, जहां उन्होंने पांच वर्षों तक सेवा की.
यह वही जेल है जहां डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह अपनी दो महिला अनुयायियों से रेप और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या के आरोप में सजा काट रहा है. वर्तमान में 21 दिनों के लिए फरलो पर जेल से बाहर, राम रहीम बार-बार पैरोल और फर्लो के लिए खबरों में रहा है. जिन 10 मौकों पर राम रहीम सिंह पैरोल या छुट्टी पर था, उनमें से छह मौके तब थे जब सांगवान उस जेल के अधीक्षक थे. सुनील सांगवान पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे हैं. वह दो महीने पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.
VRS के बाद राजनीति में आए
सुनील सांगवान स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के बाद राजनीति में आए हैं. उनके आवेदन को रविवार को हरियाणा सरकार ने स्वीकार किया. सोमवार को ही वह बीजेपी में शामिल हुए. जेल महानिदेशक (डीजी) ने रविवार को राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्हें उसी दिन ‘नो-ड्यू’ प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया गया.
सुनील सांगवान का एक बेटा और एक बेटी है. दोनों सेना में कैप्टन हैं. सुनील सांगवान 22 साल सरकारी सेवा में रहे. 2002 में वह हरियाणा जेल विभाग से जुड़े थे. वह अलग-अलग जेलों के अधीक्षक रहे, जिसमें रोहतक की सुनारिया जेल भी है. सुनील सांगवान 5 साल इस जेल से जुड़े रहे.
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पहलवान बबीता फोगाट को चरखी दादरी से मैदान में उतारा था. हालांकि वह 24,786 वोट (19.59 प्रतिशत वोट शेयर) के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. उनके बाद सतपाल सांगवान थे, जिन्होंने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और 29,577 वोट (23.38 प्रतिशत वोट शेयर) हासिल किए.