भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कैप्टन सुनीता विलियम तीसरी बार अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं.इस बार वो एक नए अंतरिक्ष यान,बोइंग स्टारलाइनर पर सवार होकर अंतरिक्ष में जाएंगी.वो सात मई की सुबह अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरेंगी.यह उड़ान भारतीय समयानुसार सुबह साढे आठ बजे के करीब होगी.
Indian-origin astronaut Sunita Williams to fly to space again on first crewed mission of Boeing's Starliner
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— ANI Digital (@ani_digital) May 6, 2024
अंतरिक्ष में समोसा खाना पसंद करने वाली विलियम्स कहती हैं कि वो थोड़ी घबराई हुई हैं, लेकिन नए अंतरिक्ष यान में उड़ान भरने को लेकर उन्हें कोई घबराहट नहीं है. लॉन्च पैड पर प्रशिक्षण के दौरान विलियम्स ने कहा,”जब मैं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचूंगी, तो यह घर वापसी जैसा होगा.”
साथ लेकर जाएंगी गणेश जी की मूर्ति
सुनीता ने बताया कि वह सामान्य रूप से उड़ान भरने को लेकर थोड़ी घबराई हुई हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि जब मैं अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचूंगी, तो यह घर वापस जाने जैसा होगा।रिपोर्ट के अनुसार सुनीता अपने साथ भगवान गणेश की एक मूर्ति लेकर जाएंगी, क्योंकि गणेश उनके सौभाग्य के प्रतीक हैं और वह धार्मिक से ज्यादा आध्यात्मिक हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले वह भगवद गीता भी अंतरिक्ष में लेकर गई थीं।
सुनीता कब कब गई हैं अंतरिक्ष में
डॉक्टर दीपक पंड्या और बोनी पंड्या के घर पैदा हुईं 59 साल की विलियम्स नए अंतरिक्ष यान के पहले मिशन पर उड़ान भरने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रचेंगी.विलियम्स नौसेना पायलट हैं. इससे पहले वो 2006 और 2012 में अंतरिक्ष में उड़ान भर चुकी हैं. नासा के आंकड़ों के मुताबिक सुनीता ने अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिताए हैं.
एक समय एक महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में सबसे अधिक स्पेसवॉक का रिकॉर्ड उनके नाम था. उन्होंने सात स्पेसवॉक में 50 घंटे और 40 मिनट का समय बिताया था.उनके इस रिकॉर्ड को पेगी व्हिटसन ने 10 स्पेसवॉक के साथ पीछे छोड़ दिया.
सुनीता विलियम्स के पिता एक न्यूरोएनाटोमिस्ट थे.उनका जन्म गुजरात के मेहसाणा जिले के झूलासन में हुआ था, लेकिन बाद में वे अमेरिका चले गए. वहां उन्होंने एक स्लोवेनियाई महिला बोनी पंड्या से शादी कर ली.
धर्म और अध्यात्म से नाता
नासा के मुताबिक सुनीता इस समय बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन की पायलट बनने की तैयारी कर रही हैं.यह इस वाहन के लिए पहली क्रू उड़ान है.अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उसका तीसरा मिशन है.उन्हें 1998 में एक अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए चुना गया था. साल 2015 में स्पेस शटल के सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्हें अंतरिक्ष यात्रियों के चुनिंदा समूह का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था जो नासा के वाणिज्यिक चालक दल कार्यक्रम पर उड़ान भरेंगे.
अपनी उड़ान से पहले विलियम्स ने एनडीटीवी को बताया था कि वह वाणिज्यिक चालक दल की उड़ान में अपने साथ भगवान गणेश की एक मूर्ति ले जाएंगी, क्योंकि भगवान गणेश उनके लिए सौभाग्य का प्रतीक हैं. उनका कहना था कि वो धार्मिक से अधिक आध्यात्मिक हैं. उनका कहना था कि भगवान गणेश को अपने साथ पाकर खुश हैं. अपनी पिछली उड़ानों में वो भगवद गीता की प्रतियां भी अंतरिक्ष में ले गई थीं.उन्होंने यह भी बताया था कि उन्हें समोसा बहुत पसंद है.तमाम पसंद-नापंसद के साथ वो एक मैराथन धावक भी हैं. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में रहते हुए उन्होंने मैराथन में दौड़ भी लगाई थी.
भारत का अपना मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, ‘गगनयान’ है. बेंगलुरु में इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र के प्रमुख डॉक्टर एम मोहन ने एनडीटीवी को बताया,”अंतरिक्ष मिशन की अनुभवी कैप्टन सुनीता विलियम्स अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भर रही हैं.बोइंग स्टारलाइनर यान की पहली उड़ान पर उनका जाना हम सभी को गौरवान्वित करता है,मैं विलियम्स को एक और अंतरिक्ष यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं.”
भारत का अंतरिक्ष मिशन
भारत ने गगनयान के लिए चार पुरुष यात्रियों का चयन किया है. अगर सब कुछ ठीक रहा,तो वे 2026 के आसपास श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भर सकते हैं.
नासा ने नए अंतरिक्ष यान बनाने के लिए स्पेसएक्स और बोइंग को चुना है, जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाएगा. स्पेसएक्स 2020 से ऐसा कर रहा है.बोइंग स्टारलाइनर की उड़ान में कई बार देरी हुई. अब वह मंगलवार की सुबह चालक दल की पहली उड़ान के लिए तैयार है. संयोग से इसी समय बोइंग को अपने विमानों में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से कंपनी विवादों में घिर गई है.
सुनीता विलियम्स 61 साल के अंतरिक्ष यात्री बैरी यूजीन ‘बुच’विल्मोर के साथ उड़ान भरेंगी, जो एक नौसेना परीक्षण पायलट है.वो दो बार अंतरिक्ष में उड़ान भर चुके हैं.दोनों दिग्गज यूनाइटेड लॉन्च एलायंस एटलस वी रॉकेट पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए प्रस्थान करेंगे.नासा का कहना है कि क्रू कैप्सूल के दक्षिण-पश्चिमी अमेरिका में पैराशूट और एयरबैग की मदद से उतरने से पहले अंतरिक्ष यात्री करीब एक हफ्ते प्रयोगशाला में बिताएंगे.
सबसे दिलचस्प बात यह है कि विलियम्स को उस अंतरिक्ष यान का नाम रखने का मौका दिया गया था, जिसमें वो उड़ान भरेंगी. उन्होंने इसका नाम उस प्रसिद्ध जहाज के नाम पर ‘कैलिप्सो’रखा था जिस पर फ्रांसीसी समुद्र विज्ञानी और प्रसिद्ध फिल्म निर्माता जैक्स-यवेस कॉस्ट्यू ने महासागरों की खोज की थी, जब वह छात्र थीं.अमेरिका के नीधम शहर में विलियम्स के नाम पर एक स्कूल भी है, जिसका नाम सुनीता विलियम्स एलीमेंट्री स्कूल है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो वह अंतरिक्ष स्टेशन पर स्कूली बच्चों के साथ बातचीत करेंगी.
कैसा है बोइंग स्टारलाइनर
बोइंग के मुताबिक क्रू स्पेस ट्रांसपोर्टेशन (सीएसटी)-100 स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान को सात यात्रियों के लिए बनाया गया है. इसमें चालक दल के सदस्य और सामान को भी समायोजित करके ले जाया जा सकता है. इसको बनाने में 10 साल से भी अधिक का समय लगा.
सुनीता विलियम्स का कहना है कि वो दिन में कई मजेदार गतिविधियों से भरे होंगे, क्योंकि वो एक नए अंतरिक्ष यान का परीक्षण और प्रमाणित करने की उड़ान पर होंगी. वह नए अंतरिक्ष यान के पहले मिशन में उड़ान भरते हुए इतिहास रचने जा रही हैं. इस यान के विकास में वो बोइंग और नासा के इंजीनियरों के साथ शामिल रही है. उनका कहना है कि भगवान गणेश के साथ होने से चीजें अच्छी होनी चाहिए.