सुप्रीम कोर्ट ने आठ विधेयकों पर निर्णय लेने में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की देरी के खिलाफ केरल सरकार की याचिका पर सोमवार को केंद्र को नोटिस जारी किया। बता दें कि यह 8 बिल सात महीने से लेकर दो साल तक की अवधि से लंबित पड़े हुए है। कोर्ट अब इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
जानकारी के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है। शीर्ष अदालत ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को भी नोटिस जारी कर पूछा कि या तो वह या सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुनवाई में उनकी सहायता करें।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल का आरोप
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह एक स्थानिक स्थिति है। राज्यपालों को यह एहसास नहीं है कि वे संविधान के अनुच्छेद 168 के तहत विधायिका का हिस्सा हैं। केरल राज्य ने अपनी याचिका में दावा किया कि राज्यपाल खान राज्य विधानसभा द्वारा पारित आठ विधेयकों पर विचार करने में देरी कर रहे हैं।
Supreme Court issues notice to concerned respondents on Kerala government's plea urging to pass appropriate orders in relation to the inaction on the part of the Governor for giving assent to 8 bills passed in the State assembly.
— ANI (@ANI) November 20, 2023
वेणुगोपाल ने तीन कारण जारी किए, जिसमें पहला है- राज्यपाल अनुच्छेद 162 के तहत विधायिका का एक हिस्सा है
दूसरा- राज्यपाल ने तीन अध्यादेश प्रख्यापित किए थे जिन्हें बाद में विधायिका द्वारा पारित अध्यादेश में बदल दिया गया
तीसरा- पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘आठ विधेयक 7 से 21 महीने तक सहमति के लिए विचाराधीन हैं।’