सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से ओडिशा में लौह अयस्क खनन पर अधिकतम सीमा लगाने के बारे में अपनी राय देने को कहा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया है कि अत्यधिक खनन से राज्य का लौह अयस्क भंडार 20 वर्षों के भीतर समाप्त होने की आशंका है।
अदालत ने खान मंत्रालय द्वारा दायर एक हलफनामे पर विचार करते हुए कहा कि इसमें पर्यावरण संबंधी पहलुओं का ध्यान नहीं रखा गया है। शीर्ष कोर्ट ने पूछा कि पर्यावरण मंत्रालय का इस पर क्या विचार है? केंद्रीय खान मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि ओडिशा में लौह अयस्क के उत्पादन की सीमा तय करना उचित नहीं है और किसी विशेष खनिज में समृद्ध राज्य में उसके खनन पर सीमा लगाने से आर्थिक विकास खतरे में पड़ जाएगा।