ओडिशा में जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. प्रबंधन के मुताबिक सभी श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाएगा. अगले साल 1 जनवरी से मंदिर में आने वाले श्रद्धालु ड्रेस कोड के साथ ही प्रवेश कर सकेंगे. इसके लिए श्रद्धालुओं को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है.
जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन के इस फैसले के बाद 1 जनवरी से मंदिर में छोटे कपड़े, फटी जींस, स्कर्ट और स्लीवलेस जैसे कपड़ों को बैन कर दिया जाएगा. श्रद्धालु इस तरह के कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. हालांकि मंदिर में किस तरह के कपड़े पहनकर आने की इजाजत होगी फिलहाल इसके बारे में फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा.
जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन के चीफ रंजन कुमार दास के मुताबिक मंदिर में अक्सर श्रद्धालु छोटे कपड़े पहनकर दर्शन करने आते हैं जिसे देखते हुए मंदिर की नीति सब-कमेटी की बैठक में इस बारे में फैसला किया है. जिसके बाद अब उन्हीं लोगों को मंदिर में दर्शन करने की इजाजत होगी जो नियम के मुताबिक पूरे कपड़े पहनकर आएंगे.
प्रबंधन के चीफ का कहना है कि मंदिर में भगवान रहते है, ये आस्था की जगह है न ही किसी मनोरंजन की जगह है. यहां आने वाले लोग इस तरह के कपड़े पहनकर आते हैं जैसे वो किसी पार्क या किसी समुद्र किनारे घूमने फिरने जा रहे हों. जो कि सरासर गलत है. ऐसे में दूसरे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होती है.
जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन का कहना है कि मंदिर की गरिमा और पवित्रता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है. जिसके लिए 1 जनवरी, 2024 से लागू ड्रेस कोड का पालन सख्ती से किया जाएगा. मंदिर दरवाजे पर तैनात सुरक्षाकर्मी और मंदिर के अंदर मौजूद सेवकों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. ये सभी लोग यहां आने वालों पर कड़ी निगाह रखेंगे.
आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया गया हो. इससे पहले मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है. इसके साथ ही उत्तराखंड के 3 मंदिरों में ड्रेस कोड लागू है.