श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में राम मंदिर के निर्माण की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राम मंदिर का संपूर्ण निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा, जबकि मंदिर परिसर से जुड़े कुछ हिस्सों का निर्माण वर्ष 2026 तक चल सकता है।
निर्माण का अपडेट: 80% कार्य पूर्ण, फिनिशिंग और सुरक्षा पर ध्यान
चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर परिसर का 80 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। शेष 20 प्रतिशत कार्य तेजी से जारी है। फिलहाल मंदिर के फिनिशिंग वर्क पर ज़ोर दिया जा रहा है। जैसे-जैसे यह कार्य पूरा होता जाएगा, निर्माण कार्य में उपयोग की गई मशीनें ऊपर से नीचे लाई जाएंगी और उसके बाद भव्य सफाई अभियान शुरू किया जाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए पूरे परिसर को घेरने वाली सुरक्षा दीवार (परकोटा) के निर्माण में एक वर्ष का समय लगेगा।
चार भव्य द्वार: तीन तैयार, एक पर काम शेष
राम मंदिर परिसर में चार मुख्य द्वार बनाए जा रहे हैं। इनमें से तीन द्वारों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। जैसे ही ये पूर्ण होंगे, चौथे द्वार का निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा। ये द्वार न केवल सुरक्षा और संरचना का हिस्सा हैं, बल्कि धार्मिक महत्व और भव्यता का भी प्रतीक होंगे।
2026 तक बनेगा ट्रस्ट कार्यालय, सभागार और विश्रामालय
राम मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों और कार्य संचालन को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट का स्थायी कार्यालय, एक सभागार (ऑडिटोरियम) और विश्रामालय (गेस्ट हाउस) भी बनाया जा रहा है। चंपत राय ने बताया कि ये सभी सुविधाएं 2026 तक बनकर पूरी होंगी।
सीता रसोई में तैयार होगा भोग प्रसाद, अन्नपूर्णा मंदिर की स्थापना पूर्ण
ट्रस्ट महासचिव ने एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि रामलला के लिए भोग प्रसाद “सीता रसोई” में तैयार किया जाएगा, जिसे मंदिर परिसर के बेसमेंट में बनाया जा रहा है।
“सीता रसोई में अन्नपूर्णा माता का मंदिर स्थापित किया जा चुका है। यहीं से अक्टूबर 2025 से रामलला के लिए प्रतिदिन भोग निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।”
राम दरबार के दर्शन कराए, रामनामी और प्रसाद वितरित
शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा पत्रकारों को राम दरबार और रामलला के दर्शन कराए गए। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों को रामनामी और प्रसाद भी भेंट किया गया। यह आयोजन श्रद्धा, भव्यता और पारदर्शिता का एक सुंदर उदाहरण रहा।
राम मंदिर के निर्माण कार्य ने एक नए ऐतिहासिक मोड़ पर प्रवेश कर लिया है। जनवरी 2024 में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अब मंदिर की पूर्णता की ओर यात्रा स्पष्ट रूप से निर्धारित हो गई है। अक्टूबर 2025 तक मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा और वर्ष 2026 में इसका संपूर्ण परिसर सुव्यवस्थित, सुरक्षित और सुविधाजनक स्वरूप में श्रद्धालुओं के लिए तैयार होगा।
अयोध्या न केवल आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बन रही है, बल्कि एक विश्वस्तरीय सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी स्थापित हो रही है।
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