दशक भर के इंतजार के बाद भारत और अमेरिका के बीच एक मेगा डिफेंस डील होने जा रही है. ये डील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को भी नए पंख देगी. इस डील के बाद पहले भारत में फाइटर प्लेन यानी जेट विमानों के इंजन बनने लगेंगे. वहीं आगे चलकर देश में ही पानी के बड़े जहाजों के इंजन तैयार होने का रास्ता भी खुल जाएगा.
इस मेगा डिफेंस डील में भारत सरकार की ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (एचएएल) अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) के साथ पार्टनरशिप डील करने जा रही है. इस डील के बाद दोनों कंपनियां घरेलू स्तर पर स्वदेशी फाइटर जेट इंजन की मैन्युफैक्चरिंग करेंगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक इस प्रस्तावित डिफेंस डील पर पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान बड़ा ऐलान हो सकता है. लंबे समय बाद दोनों देशों के बीच इतनी बड़ी रक्षा डील होने जा रही है. ये दोनों देशों के बीच होने वाली सबसे अधिक स्थायी डिफेंस डील में से एक है.
शुरुआत में दोनों कंपनियां साझेदारी में फाइटर प्लेन के इंजन बनाएंगी. जबकि भविष्य में भारतीय नौसेना के जहाजों के इंजन भी इस पार्टनरशिप का हिस्सा बन सकते हैं.
दोनों देशों के बीच होने वाली इस डील के प्रमुख बिंदुओं पर अगले हफ्ते चर्चा होगी, क्योंकि तब अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन भारत की यात्रा पर होंगे. सूत्रों का कहना है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और जनरल इलेक्ट्रिक के बीच एक एमओयू साइन होना है और दोनों कंपनियां इसकी शर्तें तय करने के बेहद करीब हैं.
इसके बाद अमेरिकी सरकार इस सौदे के बारे में अमेरिकी कांग्रेस को सूचित करेगी. इसके लिए 30 दिन की समयसीमा होगी. अमेरिकी कांग्रेस से इस सौदे को लेकर कोई दिक्कत होने की उम्मीद नहीं है.
इस डील की खास बात ये है कि भारत के साथ जेट इंजन बनाने की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होगी. इसे लेकर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवाल और उनके अमेरिकी समकक्ष जैक सुलिवैन के बीच फरवरी में बातचीत भी हुई है.