वो पढ़ना चाहती है, उसकी आंखों में कुछ बनने का सपना है, लेकिन अपने पिता की एक गलती की वजह से उसका पढ़ाई करने का सपना साकार नहीं हो पा रहा है. ये कहानी एक छोटी बच्ची रिया की है, जिसकी पढ़ाई में उसके पिता सबसे बड़ी रुकावट बने. बेटे की चाहत रखने वाले पिता ने तीसरी बेटी होने पर उसका जन्म प्रमाण पत्र जला दिया दिया, जिसकी वजह से बच्ची को अब किसी भी स्कूल में दाखिला नहीं मिल पा रहा.
पश्चिम बंगाल के धूपगुड़ी के बस टर्मिनल में रहने वाली शोभा की शादी दुलाल दास नाम के शख्स से हुई थी. शोभा की पहले से ही दो बेटियां थी. तीसरी बार उसका पति बेटा चाहता था, लेकिन तीसरी बार भी शोभा ने बेटी रिया को जन्म दिया. तीसरी बेटी होने से गुस्साए पति ने शराब के नशे में उसका जन्म प्रमाण पत्र जला दिया. बच्ची के 6 महीने के होने के बाद बीमारी के चलते की पिता दुलाल दास की मौत हो गई.
जन्म प्रमाण पत्र ना होना पढ़ाई में बना बाधा
दुलाल दास तो दुनिया से चला गया लेकिन उसकी गलती का खामियाजा अब उसकी बेटी रिया भुगत रही है. रिया अपनी बड़ी बहन की तरह स्कूल जाना चाहती है. उसकी बहन धूपगुड़ी के बीएफपी स्कूल में पांचवी में पढ़ती है. लेकिन जन्म प्रमाण पत्र होने की वजह से रिया को स्कूल में दाखिला नहीं मिल पा रहा. जब उसकी बहन स्कूल जाती है तब रिया सड़क किनारे एक चाय की दुकान में बैठकर हाथ में कॉपी पेंसिल लिए खुद से पढ़ाई करने की कोशिश करती है.
सड़क किनारे दुकान में पढ़ती है बच्ची
दुकानदार ने रिया को पढ़ने के लिए किताबे दी. दुकान में आने आने वाले लोगों की निगाहें अक्सर रिया पर पड़ती है. रिया की पढ़ने की लगन को देखते हुए दुकान में बैठे लोग उसकी पढ़ाई में मदद करते हैं, उसे पढ़ाते हैं. उन्ही में से एक काजल भी हैं. काजल पेशे से एक शिक्षक हैं. उन्होंने बताया कि वो अक्सर बच्ची को चाय की दुकान में पढ़ाई करते देखती थी, बच्ची को देखकर उन्हें बहुत बुरा लगता था. ऐमें उन्होंने रिया के लिए किताबें और पेंसिल खरीदकर उसे दी.
मां को याद नहीं बच्ची के जन्म की तारीख
वहीं शोभा ने बताया कि उसे बेटी के जन्म की तारीख तो याद नहीं लेकिन इतना याद है कि रिया आषाढ़ के महीने में हुई थी. बच्ची के स्कूल में दाखिले के लिए शोभा कई जगह गई लेकिन उसकी परेशानी का कोई हल नहीं निकला. सभी स्कूल बेटी का जन्म प्रमाण पत्र मांग रहे हैं. वहीं रिया की बड़ी बहन रीमा ने बताया कि उसकी बहन स्कूल जाना चाहती है लेकिन स्कूल के टीचर ने उसे बाहर कर दिया.
इस मामले पर जब स्कूल के प्रिंसिपल जयंत मजूमदार से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. जन्म प्रमाण पत्र ना होने पर पढ़ाई से रोक दिया जाए ऐसा कोई नियम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल स्कूल में दाखिले की तारीख खत्म हो गई है लेकिन बच्ची स्कूल आकर पढ़ाई कर सकती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो इस मामले के बारे में स्कूल के अधिकारियों से बात करेंगे.