भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों, खासकर बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ चलाए जा रहे केंद्रीय और राज्य स्तर पर समन्वित अभियान की गंभीरता को उजागर करती है।
दिल्ली में बड़ी कार्रवाई: मास्टरमाइंड गिरफ्तार
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📍 स्थान: साउथ ईस्ट जिला, दिल्ली
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👤 गिरफ्तार आरोपी: बांग्लादेशी घुसपैठ का मास्टरमाइंड, जो 10 वर्षों से इस नेटवर्क को चला रहा था
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💰 पैसा लेकर बांग्लादेश से लोगों को भारत में बसाने का धंधा करता था
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👮♂️ गिरफ्तारी के साथ-साथ 40+ अवैध बांग्लादेशी भी पकड़े गए
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🔍 पुलिस अब आरोपी से यह जानने में जुटी है कि अब तक उसने कितने लोगों को भारत में प्रवेश दिलवाया
अजमेर पुलिस की कार्रवाई: 6 बांग्लादेशी पकड़े गए
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📍 स्थान: अजमेर (राजस्थान)
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📆 तारीख: शुक्रवार को चलाए गए दस्तावेज सत्यापन अभियान में 2151 लोगों की जांच
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👮♀️ एसपी वंदिता राणा के नेतृत्व में विशेष अभियान
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🔍 जगहें:
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दरगाह क्षेत्र (4 बांग्लादेशी पकड़े गए)
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सरवाड़ (2 बांग्लादेशी पकड़े गए)
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रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, धर्मशालाएं, ईंट भट्टे, कच्ची बस्तियां, तारागढ़ पहाड़ी क्षेत्र — सभी क्षेत्रों में गहन तलाशी
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क्या कहती है यह स्थिति?
बिंदु | विवरण |
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❗ सुरक्षा चुनौती | अवैध बांग्लादेशियों के स्थानीय अपराध, पहचान छिपाकर रहना, और संभावित राष्ट्रविरोधी गतिविधियाँ |
⚖️ कानूनी पहलू | बिना वीजा और वैध दस्तावेज के भारत में रहना भारतीय विदेश अधिनियम, 1946 का उल्लंघन है |
📋 राजनीतिक संकेत | सरकार इस मुद्दे पर सख्त रुख अपना रही है — NRC (National Register of Citizens) और CAA (Citizenship Amendment Act) की पृष्ठभूमि में यह अभियान महत्वपूर्ण है |
🌍 राजनयिक पहलू | भारत-बांग्लादेश संबंधों पर इस प्रकार की घटनाओं का प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर प्रत्यर्पण और शरण नीति को लेकर |
सरकार द्वारा संभावित आगामी कदम:
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NRC जैसे अभियानों का विस्तार शहरी क्षेत्रों तक
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डिजिटल निगरानी और फेस रेकग्निशन तकनीकों का इस्तेमाल
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आधार और मतदाता पहचान पत्र सत्यापन को अधिक सख्ती से लागू करना
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विदेशी नागरिकों के लिए वीजा नियंत्रण और ट्रैकिंग सिस्टम को मजबूत बनाना