उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने मंगलवार शाम को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की. ऐसी चर्चा है कि इस मीटिंग में संगठन और सरकार के बीच तनाव को कम करने पर बातचीत हुई. ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश के भाजपा संगठन में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं. बताया जा रहा है कि इन दोनों नेताओं को राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से दिल्ली बुलाया गया था. नड्डा से पहले करीब एक घंटा डिप्टी सीएम मौर्य मिले और फिर बाद में अलग से प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मुलाकात हुई. इस अहम बैठक में यूपी की 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई है.
दरअसल यूपी बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में जिस तरीके से अलग-अलग विचार सामने आए. इससे यूपी में बड़े नेताओं के बीच मतभेद की चर्चा हो रही है. पार्टी चाहती है कि इस पर लगाम लगे और पार्टी-सरकार दोनों में चट्टान की तरह एकता दिखाई दे, ऐसा संदेश दिया गया है.
ऐसी बयानबाजी न की जाए, जिससे पार्टी को नुकसान हो: नड्डा
केशव मौर्य के साथ मीटिंग में नड्डा की ओर से कहा गया कि किसी भी सूरत में सरकार और संगठन के तालमेल को लेकर ऐसी कोई बयानबाजी ना की जाए जिससे पार्टी हित का नुकसान हो. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश संगठन में होने वाले बदलावों को लेकर भी इस मीटिंग में चर्चा की गई है.
केशव मौर्य ने क्या कहा था?
बता दें कि कार्यसमिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने जो बड़ी बात कही थी. उन्होंने कहा, “जो आपका दर्द है, वही मेरा भी दर्द है और बीजेपी में सरकार से बड़ा संगठन है, संगठन था और रहेगा.” मौर्य ने आगे कहा था कि 7 कालिदास मार्ग कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खुला है. बता दें कि केशव मौर्य के इसी बयान के बाद यूपी की सियासत चर्चा के केंद्र में आ गई थी.