चाय हम भारतीयों के लिए एनर्जी ड्रिंक है। सुबह बिस्तर से उठने के लिए एनर्जी चाहिए हो या काम पर जाने के लिए या फिर दिनभर की थकान मिटाने के लिए…नींबू पानी, शिकंजी ये सब फेल हैं चाय के आगे। चाय को बनाने और पीने के कई तरीके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैें ये ड्रिंक आई कहां से?
ऐसे हुई भारत में चाय की शुरुआत
भारत में चाय ब्रिटिशर्स की देन है। वही भारत में चाय लेकर आए थे। साल 1834 में जब गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक भारत आए, तो उन्होंने असम में लोगों को एक तरह की पत्तियों को पानी में उबालकर दवाई की तरह पीते हुए देखा था। दरअसल ये चाय की ही पत्तियां थीं। बैंटिक ने असम के लोगों को इस पत्तियों के बारे में बताया और इस तरह से भारत में चाय की शुरुआत हुई। ऐसा माना जाता है कि 2732 बीसी में चीन के शासक शेंग नुंग ने गलती से चाय की खोज की थी।
दूध, चीनी और चायपत्ती से बनने वाली चाय अब कई तरीकों से बनाई जाने लगी है। कश्मीर का काहवा उदाहरण के तौर पर देख सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ मशहूर चाय की वैराइटीज के बारे में।
मसाला चाय
मसाला चाय में कई तरह के मसालों का इस्तेमाल किया जाता है, जो इसका स्वाद ही नहीं बढ़ाते, बल्कि फायदे भी बढ़ाते हैं। सर्दियों में इस चाय को पीने से गर्मी आती है। लौंग, दालचीनी, काली मिर्च जैसे मसाले इसमें यूज किए जाते हैं।
ईरानी चाय
ईरानी चाय का स्वाद आप भारत में भी ले सकते हैं। हैदराबाद और पुणे में ये चाय ज्यादा पॉपुलर है।
बटर टी
बटर टी हिमाचय की वैराइटी है। जिसे याक के बटर, चाय की पत्तियों और नमक से साथ बनाया जाता है। स्वाद में जबरदस्त होती है ये चाय।
तंदूरी चाय
तंदूरी रोटी महाराष्ट्र की खासियत है। जिसे तंदूर में पकाया जाता है और कुल्हड़ में सर्व किया जाता है।
नून चाय
नून चाय का स्वाद कश्मीर में चखने को मिलता है। यह यहां की ट्रेडिनशल चाय है। वैसे कश्मीर के अलावा राजस्थान और नेपाल में भी नून चाय मशहूर है।
आइस टी
गर्मियों में आइस टी ज्यादा पसंद की जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है इसे बनाने में आइस का इस्तेमाल होता है। इसके बेसिकल चायपत्ती, शुगर और नींबू का स्वाद आता है।