मुख्य बातें — CDS अनिल चौहान का बयान (पुणे, 3 जून 2025):
स्थान:
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय
विषय: ‘भविष्य के युद्ध’ पर व्याख्यान
ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी:
“युद्ध में नुकसान होता है, लेकिन महत्त्व यह नहीं कि कितना नुकसान हुआ, बल्कि यह है कि आपने कौन सा लक्ष्य हासिल किया।“
उन्होंने यह भी कहा:
- भारत और पाकिस्तान ने वर्षों से सैन्य क्षमताएं विकसित कीं, लेकिन कभी उनका खुला उपयोग नहीं किया था।
- पहुच और क्षमता रखना एक बात है, पर सटीक रणनीतिक प्रयोग ही किसी देश की रक्षा नीति को सफल बनाता है।
ऑपरेशन सिंदूर: संदर्भ और संकेत
हालांकि ऑपरेशन सिंदूर की सटीक आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है (संभवत: यह एक गुप्त सैन्य अभियान है), पर CDS चौहान के वक्तव्य से यह संकेत मिलता है कि:
- यह ऑपरेशन पहुलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाया गया था।
- इसका उद्देश्य निर्धारित लक्ष्य को सर्जिकल या स्पेशल फोर्स एक्शन द्वारा प्राप्त करना था।
- भारत ने एक रणनीतिक और सटीक सैन्य अभियान के माध्यम से संदेश दिया कि आतंकवादी हमलों का जवाब अब केवल कूटनीतिक नहीं, ठोस सैन्य कार्रवाई भी होगा।
#WATCH | Pune | Chief of Defence Staff (CDS) General Anil Chauhan says, "…The whole starting point of this particular war was the Pahalgam terror attack. Is terrorism a rational act of warfare? I don't think that's because terrorism has no defined logic…As far as our… pic.twitter.com/XHu1ZaKoFV
— ANI (@ANI) June 3, 2025
भविष्य के युद्ध पर उनकी दृष्टि:
1. आतंकवाद की प्रकृति पर सवाल:
“क्या आतंकवाद एक तर्कसंगत युद्ध का तरीका है? नहीं… इसमें कोई नैतिक या रणनीतिक तर्क नहीं है।”
2. हजार घाव देने की नीति:
- पाकिस्तान के रणनीतिक दर्शन का हवाला देते हुए CDS ने कहा:
“1965 में जुल्फिकार अली भुट्टो ने UNSC में कहा था — भारत के खिलाफ हम हजार साल का युद्ध लड़ेंगे…”
लेकिन भारत ने अब इस नीति को निष्क्रिय करने की स्पष्ट योजना तैयार कर ली है — आतंक के हर चोट का जवाब रणनीतिक चोट से।
बयान का सामरिक महत्व:
पहलू | महत्व |
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रणनीतिक स्पष्टता | भारत अब सिर्फ बचाव नहीं, प्रतिकार और प्रतिशोध की नीति पर है। |
राष्ट्रीय संप्रभुता का सन्देश | भारत की लक्ष्य आधारित सैन्य रणनीति अब सार्वजनिक विमर्श का हिस्सा बन रही है। |
तकनीकी युद्धों की तैयारी | उन्होंने कहा कि भविष्य के युद्ध अब साइबर, स्पेस और एआई आधारित होंगे – हमें इन क्षेत्रों में बढ़त लेनी होगी। |
निष्कर्ष:
जनरल अनिल चौहान का बयान इस ओर संकेत करता है कि भारत की रक्षा नीति अब सिर्फ प्रतिक्रियाशील नहीं, बल्कि निष्क्रिय खतरे को समाप्त करने वाली रणनीतिक सोच पर आधारित है। ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों के ज़रिए भारत यह स्पष्ट कर रहा है कि आतंकवाद को अब राजनीतिक या कूटनीतिक प्रतिक्रिया से नहीं, बल्कि सैन्य सटीकता से जवाब दिया जाएगा।