एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष की विशेष सत्र बुलाने की मांग को खारिज करते हुए कहा है कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह मामला बेहद संवेदनशील है और इस पर खुले मंच पर चर्चा करना उचित नहीं होगा। उन्होंने साफ किया कि ऐसी मांगें जायज नहीं हैं। मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादी हमलों के जवाब में किया गया एक निर्णायक कदम था, जिसे लेकर राजनीतिक शोर-शराबा नहीं होना चाहिए।
पूर्व रक्षा मंत्री होने के नाते शरद पवार ने ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए कहा कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत मूकदर्शक नहीं रह सकता था। भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा भी शामिल था।
पवार ने कहा कि इन ठिकानों में गोला-बारूद और हथियार भरे हुए थे और इन पर कार्रवाई जरूरी थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने यह कदम सावधानीपूर्वक और सटीक योजना के तहत उठाया है, जिससे दुनिया को यह संदेश गया है कि भारत अब आक्रामक रुख अपनाने से पीछे नहीं हटेगा जब बात देश की सुरक्षा की हो।