भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के लिए पहुंच चुकी है। कल दूसरे दिन सात घंटे तक टीम ने इमारतों की छायाचित्र, माप और दीवारों के आस-पास से साक्ष्यों को इकठ्ठा किया। एएसआई की टीम ज्ञानवापी के तहखाने में भी गई, लेकिन वहां पर मलबे की वजह से सर्वे नहीं हो सका। नगर निगम की टीम के द्वारा तहखानों की सफाई की जाएगी। उसके बाद एएसआई की टीम सर्वे करेगी। हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी में तीन तहखाने हैं, जिनमें कई राज छिपे हैं।
ज्ञानवापी परिसर में सभी कोनों पर डायल टेस्ट इंडिकेटर लगाए गए हैं। इससे सतह की माप की गई। सर्वे की एक टीम ने मानकों के अनुसार मानचित्र पर परिसर के बाहरी हिस्सों को उकेरा है। दीवार, खंभों और छतों का भी माप लिया गया है। दीवारों पर बने त्रिशूल, स्वास्तिक, घंटी, कलश को रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इसकी फोटो और वीडियोग्राफी भी की गई है। पश्चिमी दीवार पर सर्वे के दौरान हाथी के सूंड की टूटी आकृति भी मिली है।
एएसआई की टीम ने रडार तकनीक से जांच के लिए आईआईटी सहित देश के बड़े शिक्षण संस्थानों से संपर्क किया है। वादिनी सीता साहू ने बताया कि सर्वे के दौरान जो साक्ष्य दिख रहे हैं, वो रिपोर्ट तैयार होने के बाद दुनिया को सच्चाई बताएगी। रेखा पाठक ने बताया कि आदि विशेश्वर हमें मिलेंगे। हम सभी को बाबा पर अटूट विस्वास है। अयोध्या की तरह काशी भी इतिहास रचेगी।