दो साल पहले साल 2022 में संगीत वाद्ययंत्र ‘किन्नेरा’ के लिए हैदराबाद के दर्शनम मोगुलैया को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. उन्हीं दर्शनम मोगुलैया को हाल ही में हैदराबाद के पास तुर्कयमजाल में एक निर्माण स्थल पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते देखा गया. पुरस्कार के बाद तेलंगाना सरकार से मिले एक करोड़ रुपये नकद को पारिवारिक जरूरतों के चलते उन्हें खर्च करना पड़ा, जिससे “किन्नेरा मोगुलैया” के नाम से लोकप्रिय 73 साल के कलाकार को दो वक्त के खाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ा रहा है.
मोगुलैया ने साल 2022 में चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के मंच से लेकर तुर्कयामजाल में निर्माण स्थल में मजदूरी करने तक उतरने के कारणों की बात करते हुए बताया कि मेरा एक बेटा दौरे से पीड़ित है, जिसके लिए दवाओं के लिए मुझे हर महीने कम से कम 7,000 रुपये की जरूरत होती है. मोगुलैया के नौ बच्चे हैं, उन्होंने बताया कि उनके तीन बच्चों की बीमारियों से मौत हो गई और तीन की शादी हो गई हैं. बाकी तीन अभी छात्र हैं और मोगुलैया पर निर्भर हैं. कलाकार की पत्नी का चार साल पहले निधन हो गया था.
सहानुभूति मिली लेकिन रोजगार नहीं
मोगुलैया ने कहा कि मैंने काम के लिए कई लोगों तक पहुंचने की कोशिश की. लोगों ने सहानुभूति व्यक्त की सभी ने मेरे अतीत की सराहना की और मेरी मदद के लिए मुझे थोड़ी सी रकम भी दी, लेकिन मुझे कोई रोजगार नहीं मिला. मोगुलैया ने कहा मैंने उस पैसे (1 करोड़ रुपये का राज्य अनुदान) का इस्तेमाल अपने बच्चों की शादियों के लिए किया. मैंने शहर (हैदराबाद) के बाहरी इलाके तुर्कयमजल में जमीन का एक टुकड़ा भी खरीदा, मैंने एक घर बनाना शुरू कर दिया था, लेकिन पैसे खत्म हो जाने की वजह से मुझे इसे बीच में ही रोकना पड़ा.
प्लॉट का आवंटन नहीं हुआ
कलाकार ने आगे बताया कि हालात तब ज्यादा मुश्किल हो गए जब हाल ही में राज्य द्वारा स्वीकृत 10,000 रुपये का मासिक मानदेय बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि मैं मदद के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहा हूं और जन प्रतिनिधियों से मिल रहा हूं. सभी सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हैं लेकिन कुछ नहीं करते. बता दें, 1 करोड़ रुपये के अनुदान के साथ, राज्य ने कलाकार के लिए हैदराबाद के पास रंगारेड्डी जिले में 600 वर्ग गज का प्लॉट भी देने की घोषणा की थी जिसका अभी तक आवंटन लंबित है.