ईरान में तीन भारतीय नागरिकों के लापता होने की खबर सामने आई है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस घटना की पुष्टि की और बताया कि ये नागरिक व्यापारिक उद्देश्यों से बीते दिसंबर 2024 में ईरान गए थे, लेकिन वहां पहुंचने के कुछ समय बाद से ही उनका परिवारों से संपर्क टूट गया।
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के अनुसार, तीनों भारतीय नागरिक व्यवसाय के सिलसिले में ईरान पहुंचे थे। वहां कुछ दिन रहने के बाद उनका फोन बंद हो गया और परिवारों को उनसे संपर्क करना असंभव हो गया। इसके बाद से ही तीनों नागरिकों की कोई लोकेशन या गतिविधि का पता नहीं चल पाया है।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा:
“हम तीनों लापता भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में हैं। यह मामला हमने दिल्ली में स्थित ईरानी दूतावास और तेहरान में स्थित ईरानी विदेश मंत्रालय के समक्ष गंभीरता से उठाया है।”
भारत सरकार ने तेहरान स्थित भारतीय दूतावास को भी सक्रिय किया है, जो स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय में इन नागरिकों का पता लगाने में जुटा है।
सहायता का अनुरोध
प्रवक्ता जायसवाल ने कहा:
“हमने ईरानी अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे लापता भारतीयों का शीघ्र पता लगाएं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें और भारत को यथाशीघ्र प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध कराएं।”
कूटनीतिक पहल
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और ईरान के बीच चाबहार पोर्ट परियोजना, ऊर्जा व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग जैसे विषयों पर संबंध मजबूत हो रहे हैं। ऐसे में यह घटना दोनों देशों के बीच मानवीय सहयोग और राजनयिक संवाद की परीक्षा मानी जा रही है।
परिजनों की अपील
लापता नागरिकों के परिजनों ने भारत सरकार से अपील की है कि उनके प्रियजनों को जल्द से जल्द खोजा जाए और यदि कोई संकट की स्थिति है तो उन्हें भारत सुरक्षित लाया जाए।
यह घटना न केवल संबंधित परिवारों के लिए मानसिक वेदना का विषय है, बल्कि यह एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि विदेश यात्रा पर गए नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निगरानी तंत्र कितना सशक्त है।
भारत सरकार की सक्रियता और ईरान के साथ सहयोग के जरिए आने वाले दिनों में इस मामले में स्पष्टीकरण और समाधान की अपेक्षा की जा रही है।