पश्चिम बंगाल के चर्चित राशन वितरण घोटाला मामले में टीएमसी के पूर्व बोंगगांव नगरपालिका अध्यक्ष शंकर आद्या को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. ईडी की टीम ने कल आद्या के ससुराल में छापा मारा था. वह पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के करीबी माने जाते हैं. बता दें कि ईडी अधिकारियों ने शुक्रवार को उत्तर 24 परगना जिले में दो तृणमूल नेताओं के यहां दबिश दी थी.
केंद्रीय जांच एजेंसी की एक टीम बनगांव नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन शंकर आद्या के ससुराल पहुंची थी. वहीं दूसरी टीम संदेशखाली में शाहजहां शेख के घर पहुंची. सूत्रों की मानें तो शंकर और शाहजहां दोनों पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य मंत्री और टीएमसी नेता ज्योतिप्रिय मलिक (बालू) के करीबी हैं. ईडी ने शुक्रवार सुबह करीब 7:30 बजे बनगांव के शिमुलतला स्थित शंकर आद्या के ससुराल में तलाशी शुरू की और 17 घंटे बाद वहां से निकली. फिर देर रात 12:30 बजे आद्या को गिरफ्तार कर लिया गया.
शंकर की पत्नी भी बनगांव नगर पालिका अध्यक्ष रही हैं
शंकर आद्या, ज्योतिप्रिय मलिक के सहयोग से राजनीति के मैदान में उतरे थे. वह 2005 में बनगांव नगर पालिका के पार्षद बने और बाद में चेयरमैन पद तक पहुंचे. शंकर की पत्नी भी बनगांव नगर पालिका की अध्यक्ष रही हैं. हालांकि शंकर आध्या की पत्नी ज्योत्सना आध्या ने कहा कि जांच में सहयोग करने के बावजूद उनके पति को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने गहरी साजिश का आरोप लगाया. शंकर आध्या को ले जाते समय केंद्रीय बलों और ईडी टीम को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा.
टीएमसी नेता के समर्थकों ने ईडी टीम पर किया हमला
ईडी की टीम शुक्रवार सुबह 7 बजे के करीब जब दूसरे टीएमसी नेता शाहजहां शेख के संदेशखाली के सरबेरिया स्थित घर पहुंची तो वहां ताला लगा हुआ मिला. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने शेख को कॉल किया और काफी देर तक घर के बाहर किसी के आने का इंतजार किया. लेकिन जब कोई नहीं पहुंचा तो ईडी की टीम ने शाहजहां शेख के घर का ताला तोड़ने की कोशिश की. मौके पर बड़ी संख्या में तृणमूल कार्यकर्ता मौजूद थे. उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया और ईडी के साथ ही केंद्रीय बलों के सदस्यों पर हमला कर दिया. पत्थरबाजी में ईडी और केंद्रीय बलों के कुछ सदस्यों को चोटें आईं. उनकी गाड़ियों में भी टीएमसी वर्कर्स की ओर से तोड़फोड़ की गई.