तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद साकेत गोखले को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व भारतीय राजदूत लक्ष्मी पुरी से बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी है। यह मामला वर्ष 2021 से जुड़ा है, जब साकेत गोखले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लक्ष्मी पुरी के खिलाफ आरोप लगाए थे कि उन्होंने विदेश में अवैध तरीके से संपत्ति खरीदी है, और यह संपत्ति उनकी आय से अधिक है। गोखले ने ये आरोप 13 और 23 जून 2021 को किए थे, जब उन्होंने दावा किया कि लक्ष्मी पुरी ने अपनी विदेश सेवा के दौरान विदेशी संपत्ति अर्जित की, जिसे उन्होंने छुपाया।
इन आरोपों को लक्ष्मी पुरी ने झूठा, आधारहीन और मानहानिपूर्ण बताया और इसके खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर किया। कोर्ट ने विस्तृत सुनवाई के बाद निष्कर्ष निकाला कि साकेत गोखले के पास अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिए कोई विश्वसनीय सबूत नहीं थे, और उन्होंने जानबूझकर सोशल मीडिया का दुरुपयोग करते हुए लक्ष्मी पुरी की छवि को नुकसान पहुँचाया।
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) June 9, 2025
इस पर अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए साकेत गोखले को:
- ₹50 लाख का हर्जाना अदा करने का आदेश दिया,
- साथ ही X पर बिना शर्त माफी मांगने को कहा,
- यह माफी 6 महीने तक उनकी प्रोफाइल पर पिन रहनी चाहिए,
- और एक राष्ट्रीय अखबार में भी माफी प्रकाशित करनी होगी।
गोखले ने अदालत के निर्देशों का पालन करते हुए X पर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने लिखा:
“13 और 23 जून 2021 को मैंने पूर्व भारतीय राजदूत लक्ष्मी पुरी पर विदेश में अवैध संपत्ति खरीदने का जो आरोप लगाया था, वह निराधार था और अब मैं उसके लिए बिना शर्त माफी मांगता हूँ।”
यह मामला भारतीय राजनीति और मीडिया में फेक न्यूज, सोशल मीडिया की ज़िम्मेदारी, और सार्वजनिक छवि की रक्षा से जुड़ी बड़ी बहस का हिस्सा बन गया है। कोर्ट के इस फैसले से यह संदेश गया है कि बिना प्रमाण के सार्वजनिक मंचों पर किसी व्यक्ति के विरुद्ध आरोप लगाना न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि कानूनी रूप से भी गंभीर दंडनीय अपराध हो सकता है।
यह माफीनामा एक कानूनी नजीर बन सकता है, जो सोशल मीडिया पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की सीमाओं को रेखांकित करता है।