राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET UG 2024) की पात्रता में संशोधन किया है। इस संशोधन के बाद अब कक्षा 12वीं में भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित को मुख्य विषय रखकर पढ़ाई करने वाले छात्र भी अब डॉक्टर बन सकेंगे। इसके पहले डॉक्टर बनने के लिए 12वीं कक्षा में जीव विज्ञान एक प्रमुख विषय होना जरूरी था।
हालाँकि, गाइडलाइन में कहा गया है कि 12वीं में PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ) की पढ़ाई करने वाले छात्र यदि अतिरिक्त विषय के रूप में भी अंग्रेजी के साथ जीव विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी की पढ़ाई की है, तो वे अब इसके पात्र माने जाएँगे। मान्यता प्राप्त बोर्ड से इसकी पढ़ाई करने वाले छात्र अब MBBS और BDS में नामांकन के लिए ली जाने वाली NEET परीक्षा में बैठ सकेंगे।
भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) ने स्नातक चिकित्सा शिक्षा, 1997 के प्रावधानों को विनियमित किया था। इससे पहले MBBS या BDS में प्रवेश के लिए वे ही विद्यार्थी पात्र माने गए थो, जिन्होंने कक्षा 11 और 12 में लगातार दो वर्ष अंग्रेजी विषय के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान या जैव प्रौद्योगिकी में नियमित रूप से पढ़ाई की होगी।
इन विषयों में दो साल का अध्ययन नियमित स्कूलों से पूरा करना आवश्यक था, न कि मुक्त विद्यालयों से अथवा प्राइवेट छात्र के तौर पर। हालाँकि, नई शिक्षा नीति पर विचार करने के बाद राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने 2वीं कक्षा में विभिन्न विषयों के साथ पढ़ाई करने की छूट प्रदान की है। इस संबंध में NMC की 14 जून 2023 को बैठक हुई थी।
आयोग ने कहा कि NEET UG की परीक्षा में वे उम्मीदवार भी शामिल हो सकते हैं, जिनके पात्रता प्रमाण पत्र के आवेदन पहले किसी समस्या के कारण खारिज कर दिए गए थे। NMC के इस निर्णय के बाद उन छात्रों के लिए नए अवसर खुल गए हैं, जिन्होंने 12वीं कक्षा में जीव विज्ञान मुख्य विषय के रूप में नहीं रखा था।
बताते चलें कि देश में MBBS और BDS में नामांकन के लिए देश में हर साल NEET UG परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इसमें देश भर से लाखों विद्यार्थी हिस्सा लेते हैं। अब इस छूट के बाद इस परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों की संख्या में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।