माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत के बाद से ही बीजेपी के दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के घर में जश्न का माहौल हैं. मुख्तार अंसारी कृष्णानंद राय की हत्या का आरोपी था. मुख्तार की मौत के बाद कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के लिए पहुंची, जहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये बाबा का आशीर्वाद है. हमारे लिए आज ही होली का त्योहार है.
मुख्तार अंसारी की मौत की खबर मिलने के बाद शुक्रवार सुबह ही कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय अपने बेटे पीयूष राय के साथ वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची. जहां उन्होंने बाबा के दर्शन किए. इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए अलका राय ने कहा, ‘ये बाबा का आशीर्वाद हैं. मैं हमेशा बाबा से न्याय मांगती थी.. आज हमें न्याय मिल गया है.
आज हमारे लिए होली है- अलका राय
मुख्तार अंसारी की मौत पर पूर्व भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय का भी बयान सामने आ गया है। उन्होंने इस मामले में कहा- मैं क्या कह सकती हूं? यह भगवान का आशीर्वाद है। मैं न्याय के लिए उनसे प्रार्थना करती थी और आज न्याय मिल गया है। हमें घटना (हत्या) के बाद कभी होली नहीं मनाई। मुझे लगा कि आज हमारे लिए होली है।
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh | Wife of Krishnanand Rai – former BJP MLA who was killed by Mukhtar Ansari – Alka Rai says, "What can I say? This is the blessing of the Almighty. I used to pray to him for justice and the justice has been served today. We never celebrated Holi… pic.twitter.com/SyMFo4TXey
— ANI (@ANI) March 29, 2024
बेटे का बयान भी आया
मुख्तार अंसारी द्वारा मारे गए पूर्व भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने भी मुख्तार अंसारी की मौत पर बयान दिया है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पीयूष राय ने कहा है कि मुझे और मेरी मां को बाबा विश्वनाथ और बाबा गोरखनाथ का आशीर्वाद मिला है। आपको बता दें कि 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर सांसद/विधायक अदालत ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी।
कैसे हुई थी कृष्णानंद राय की हत्या?
बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की नवंबर 2005 में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। करीब आधा दर्जन बदमाशों ने बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय और उनके 6 अन्य साथियों को गोलियों से छलनी कर दिया था। हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई थीं। इस हमले का एक महत्वपूर्ण गवाह शशिकांत राय 2006 में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया था। उसने कृष्णानंद राय के काफिले पर हमला कराने का आरोप मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी पर लगाया था। इस हत्याकांड से यूपी की सियासत में काफी ऊबाल आया था।