संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित करना एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक पहल है, जो ध्यान की शक्ति और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव को मान्यता देती है। इस मौके पर ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने ध्यान की प्रासंगिकता और उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए एक विशेष संदेश साझा किया।
सद्गुरु का संदेश:
- ध्यान की परिभाषा:
सद्गुरु ने कहा,
“ध्यान वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम अपने मन को संचालित करना और नियंत्रित करना सीखते हैं। यह जीवन में चमत्कारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है।” - मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान का महत्व:
- सद्गुरु ने चेताया कि आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर वैश्विक चुनौती बनता जा रहा है। विशेषज्ञों की भविष्यवाणी है कि मानसिक स्वास्थ्य एक महामारी का रूप ले सकता है।
- ध्यान को मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक स्थिरता और संतुलन बनाने के लिए एक विशेष उपकरण के रूप में मान्यता देना बेहद महत्वपूर्ण है।
- संयुक्त राष्ट्र के प्रति आभार:
सद्गुरु ने इस पहल के लिए संयुक्त राष्ट्र का आभार प्रकट किया और उम्मीद जताई कि यह कदम विश्वभर में ध्यान को अपनाने और इसके लाभों को समझने में मदद करेगा। - ध्यान का उद्देश्य:
सद्गुरु ने कहा,
“हमारी इच्छा और आशीर्वाद है कि धरती पर हर इंसान ध्यान के माध्यम से अपने मन के चमत्कार और उसकी अपार संभावनाओं का अनुभव करे।”
ध्यान की प्रासंगिकता:
- मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: ध्यान से तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद मिलती है।
- भावनात्मक स्थिरता: ध्यान भावनाओं को संतुलित करने और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक है।
- जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि: ध्यान आत्म-जागरूकता को बढ़ाता है और जीवन को अधिक संतोषजनक बनाता है।
विश्व ध्यान दिवस का उद्देश्य:
- ध्यान को एक वैश्विक आंदोलन के रूप में बढ़ावा देना।
- लोगों को इसके लाभों के प्रति जागरूक करना।
- मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए ध्यान को मुख्यधारा में लाना।
Meditation is that process through which you learn to operate this mind so that it functions as a miracle. It is commendable that the United Nations has recognized meditation as a tool to create mental health, emotional stability and balance at a time when experts are predicting… pic.twitter.com/bTfyAItXq4
— Sadhguru (@SadhguruJV) December 21, 2024
संयुक्त राष्ट्र और सरकार को दी बधाई
सद्गुरु ने इसके लिए संयुक्त राष्ट्र, भारत सरकार और इस संकल्प का समर्थन करने वाले सभी देशों को बधाई दी और विश्व कल्याण के लिए परिवर्तनकारी बताया. सद्गुरु ने मानव मन की क्षमता को अनलॉक करने में ध्यान की भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि ध्यान वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से मन को संचालित करना सीखते हैं. इसी के साथ सद्गुरु ने अगले साल की शुरुआत में मिरेकल ऑफ माइंड ऐप लॉन्च करने की भी घोषणा की. यह ऐप एक सरल ध्यान प्रक्रिया की पेशकश करेगा जिसे आपके जीवन में शांति, आनंद और उत्साह की भावना लाने में सहायक होगा.
तीन दशक से गहन योग और ध्यान
आपको बता दें कि तीन दशक से अधिक समय से सद्गुरु ने गहन योग और ध्यान की शिक्षा दी है. दुनिया भर में इससे लाखों लोगों को लाभ हुआ है. इससे 30 लाख से अधिक लोग इनर इंजीनियरिंग से गुजर चुके हैं. प्रमुख विश्वविद्यालयों के शोध में नींद की गुणवत्ता में सुधार, तनाव में 50% की कमी और ऊर्जा, आनंद और उत्पादकता में वृद्धि की रिपोर्ट दी गई है.
सभी के लिए सुलभ, ईशा क्रिया, सद्गुरु द्वारा 12 मिनट का निःशुल्क निर्देशित ध्यान, सद्गुरु ऐप में प्रदर्शित कई प्रथाओं में से एक है, जो अनगिनत व्यक्तियों को प्रतिदिन जीवन-परिवर्तनकारी लाभों का अनुभव करने में सक्षम बनाता है. सद्गुरु उन्नत ध्यान कार्यक्रम भी प्रदान करते हैं, जिसमें शून्य ध्यान, सचेतन न करने की एक सहज प्रक्रिया और संयम शामिल है, जो प्रतिभागियों को चेतना की उच्च अवस्था तक पहुंचने की अनुमति देता है.