किसानों के दिल्ली कूच के चलते बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा के चलते दिल्ली के बाजारों में व्यापारियों की भी सांसें अटकी हुई हैं। पंजाब के बाद चंडीगढ़, सिरसा और दिल्ली रूट भी बंद कर दिए गए हैं। 100 बसों की जगह 30-40 बसें ही बस स्टैंड से चल रही हैं।
स्थानीय बाजार में केवल छोटी दुकानें चल रही हैं
स्थानीय बाजार में कुछ ही छोटी दुकानें चल रही हैं लेकिन ग्राहकों की संख्या कम होने और जल्दी बंद होने से उन्हें भी नुकसान हो रहा है। फैक्ट्री में काम करने वाले रिंकल कुमार का कहना है कि किसान आंदोलन के कारण उन्हें और उनके साथ काम करने वाले साथियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पहले उन्हें अपने घर से फैक्ट्री तक पहुंचने में लगभग 30-40 मिनट लगते थे, अब उन्हें लगभग 2 घंटे लगते हैं। इसके अलावा फैक्ट्री में कच्चा माल नहीं आ रहा है, जिससे उन्हें और उनके साथियों को खाली बैठना पड़ रहा है।
घाटे का सामना कर रहे हैं व्यापारी
सिंघु बॉर्डर के व्यापारियों का कहना है कि उन सभी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। फिर उन्होंने आगे कहा कि पिछले विरोध प्रदर्शन के दौरान भी हमारी दुकानें बंद थीं और अब विरोध के कारण हमें फिर से घाटा हो रहा है।
चंडीगढ़, दिल्ली, पानीपत जाने वाली बसें बंद
दिल्ली कूच के चलते सिरसा में रोडवेज बस प्रभावित हैं। पानीपत, चंडीगढ़, दिल्ली जाने वाली बसें बंद हैं। कई बसें बीच रास्ते से ही लौट रही हैं। अंबाला में 80 रूट बंद होने से रोडवेज को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। पहले 106 रूटों पर रोडवेज बसें चलती थीं, अब सिर्फ 26 रूट चालू होने से दिल्ली बहुत दूर हो गई है।
रोडवेज को रोजाना हो रहा लाखों का नुकसान
इसी तरह बहादुरगढ़ से प्रतिदिन दिल्ली जाने वाली सात बसें अब गुरुग्राम होकर जा रही हैं। जिससे रोडवेज को प्रतिदिन लाखों का नुकसान हो रहा है।