त्रिपुरा के आध्यात्मिक नेता संतिकाली आश्रम के चित्त महाराज और चकमा लोन लूम शॉल बुनकर स्मृति रेखा चकमा को सरकार ने इस बार पद्म पुरस्कार के लिए चुना है। इस वर्ष राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा प्रदान किए जाने वाले पद्म पुरस्कार पाने वालों में से वे एक होंगे।
चित्त महाराज और स्मृति रेखा चकमा को पद्मश्री
कला की श्रेणी में स्मृति रेखा का बेहतरीन काम
वहीं, स्मृति रेखा चकमा को कला (टेक्सटाइल-वेविंग-लंगोटी) की श्रेणी में सम्मानित किया गया है। चित्रा महाराज अध्यात्मवाद और शिक्षा के विस्तार के माध्यम से कई जनजाति लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं।
पर्यावरण-अनुकूल सूती धागों से कमाल करती हैं चकमा
स्मृति लेखा चकमा एक चकमा लियोनलूम शॉल बुनकर हैं, जो प्राकृतिक रंगों के उपयोग को बढ़ावा देने वाले पर्यावरण-अनुकूल सूती धागों को पारंपरिक डिजाइनों में बदल देती हैं।
वह ग्रामीण महिलाओं को बुनाई की कला में प्रशिक्षण देने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन भी चलाती हैं। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने दोनों विजेताओं को बधाई दी।