अमेरिका के अगले राष्ट्रपति का चुनाव दिलचस्प मोड़ लेता जा रहा है। कई नामी और अपने अपने क्षेत्र में मशहूर उम्मीदवार एक दूसरे से बीस साबित होने के लिए चर्चाओं में अंक बढ़ाने में जुटे हैं; तो कई अमेरिका की भावी विदेश और सुरक्षा नीति पर नए दृष्टिकोण पेश कर रहे हैं। ऐसे ही एक उम्मीदवार हैं भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी। रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए पर्चा भरने वाले विवेक रामास्वामी ने अपने विचारों से लोगों को आकर्षित किया हुआ है। हाल में रामास्वामी ने कहा है कि वे खुद ऐसे इंसान को वोट देना पसंद करेंगे, जो देश को विकास पथ पर ले जाने के काबिल हो। इस दृष्टि से, बाइडेन ऐसा कर सकते हैं, इसमें संदेह है। ऐसा उनकी कठपुतली की तरफ काम करने वाली कमला हैरिस भी नहीं कर सकतीं।
रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार विवेक अपने वक्तव्यों से एकदम से लोगों की नजरों में चढ़े हैं। गत माह जो पहली राष्ट्रपति पद के लिए वाद—विवाद हुआ, उसमें भी विवेक रामास्वामी ने बाजी मार ली थी। इस बहस के बाद तो वे लोगों की नजरों में बहुत ज्यादा उभर आए हैं। उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ गई है। अब उनके एक और बयान ने सुर्खियां बटोरी हैं। विवेक ने कहा है कि अगर वह अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को माफी दे देंगे।
एक टेलीविजन चैनल पर एक कार्यक्रम में भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी का कहना था कि यदि ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का पर्चा भरते हैं तो वह यानी विवेक खुद उनको अपना समर्थन देंगे। और, अगर वे राष्ट्रपति बने उन्हें (ट्रंप को) माफ कर देंगे, क्योंकि इस कदम से देश एकजुट रह सकता है। आजकल ट्रंप पर कई मुकदमें चल रहे हैं। इन मुकदमों में, उन पर जॉर्जिया राज्य के चुनाव में अड़चन डालने, वयस्क फिल्मों की अभिनेत्री स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसा देने, कैपिटाल हिल पर हिंसक हमला करने के उकसावे तथा गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने जैसे आरोप लगे हैं।विवेक रामास्वामी ने स्पष्ट कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के विरुद्ध जो अभियोग चल रहे हैं उनके पीछे राजनीति है।
दिलचस्प बात है कि रिपब्लिकन पार्टी से जितने भी उम्मीदवार चुनाव में खड़े हैं उनमें विवेक अकेले हैं, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया है। इसीलिए रामास्वामी ने यहां तक कहा है कि वे खुद ऐसे इंसान को वोट देना पसंद करेंगे, जो देश को विकास की राह पर बढ़ाने के काबिल हो। लेकिन उनके अनुसार, ऐसी काबिलियत जो बाइडेन में नहीं है। और, उनकी कठपुतलियों में से एक कमला हैरिस में भी यह करने की क्षमता नहीं है। रामास्वामी कहते हैं कि वे खुद जो बाइडेन तथा हैरिस से बेहतर तरह से देश को विकास के रास्ते पर बढ़ा सकते हैं।