ऑपरेशन सिंदूर और एस. जयशंकर की सफाई: मुख्य बिंदु
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने विदेश मामलों की कंसलटेटिव कमेटी की बैठक में विपक्ष के तीखे सवालों का जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के रुख को स्पष्ट किया है।
ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ
- पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की।
- ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने 70% से अधिक स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल किया और पाकिस्तान की वायुसेना की रणनीतिक क्षमता को नुकसान पहुँचाया।
- यह ऑपरेशन ‘आत्मनिर्भर भारत’ रक्षा नीति की ताकत को दर्शाता है।
एस. जयशंकर का विपक्ष को जवाब
- जयशंकर ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को ऑपरेशन की जानकारी “पहले” नहीं, “बाद में” दी गई थी।
- उन्होंने कहा कि विपक्ष ने उनके पहले के बयान की गलत व्याख्या की है — उन्होंने “before” शब्द का प्रयोग ही नहीं किया था।
क्या ऑपरेशन अमेरिका के दबाव में रोका गया?
- विपक्षी सांसदों ने सवाल किया कि क्या डोनाल्ड ट्रंप की कथित मध्यस्थता के चलते ऑपरेशन को स्थगित किया गया?
- जवाब में जयशंकर ने कहा:
- कोई अमेरिकी दबाव नहीं था।
- ऑपरेशन को DGMO स्तर पर बातचीत के बाद रणनीतिक रूप से रोका गया।
- भारत किसी बाहरी दबाव में निर्णय नहीं लेता।
विपक्ष का रुख
- राहुल गांधी ने एक वीडियो शेयर कर पूछा था कि पाकिस्तान को ऑपरेशन की जानकारी क्यों दी गई?
- इस पर जयशंकर ने कहा कि यह दावा तथ्यों पर आधारित नहीं है, और उनकी बातों को संदर्भ से काटकर पेश किया गया।
राजनयिक मोर्चे पर भारत की रणनीति
- जयशंकर ने बताया कि भारत अब सिर्फ कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की रणनीति भी अपना रहा है।
- ऑल पार्टी डेलिगेशन अन्य देशों में पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क का सच उजागर कर रहा है।
निष्कर्ष:
- ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य, कूटनीतिक और रक्षा निर्माण क्षमताओं का समन्वयित उदाहरण है।
- इजरायल द्वारा भारतीय कंपनी निबे लिमिटेड से रॉकेट लॉन्चर की खरीद इस ऑपरेशन के प्रभाव और भारत के हथियारों की वैश्विक साख को दर्शाता है।
- एस. जयशंकर ने विपक्ष को साफ संदेश दिया: भारत किसी के दबाव में नहीं, अपनी रणनीति से फैसले करता है।