दिव्यांगता कोटे के तहत चयनित विवादास्पद प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर जारी विवाद के बीच एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने अखिल भारतीय सेवाओं में दिव्यांगता कोटे की आवश्यकता पर सवाल उठाकर एक नया विवाद पैदा कर दिया है. एक एक्स पोस्ट में, तेलंगाना वित्त आयोग की सदस्य-सचिव स्मिता सभरवाल ने कहा, “दिव्यांगों के प्रति पूरा सम्मान है, लेकिन क्या कोई एयरलाइन दिव्यांग पायलट को काम पर रखती है? या आप दिव्यांग सर्जन पर भरोसा करेंगे? एआईएस (आईएएस/आईपीएस/आईएफओएस) की प्रकृति फील्ड-वर्क, लंबे समय तक काम करने वाले घंटे, लोगों की शिकायतों को सीधे सुनना है-जिसके लिए शारीरिक फिटनेस की जरूरत होती है. इस प्रमुख सेवा को पहले स्थान पर इस कोटे की आवश्यकता क्यों है!”
As this debate is blowing up-
With all due respect to the Differently Abled. 🫡
Does an Airline hire a pilot with disability? Or would you trust a surgeon with a disability.
The nature of the #AIS ( IAS/IPS/IFoS) is field-work, long taxing hours, listening first hand to…
— Smita Sabharwal (@SmitaSabharwal) July 21, 2024
प्रियंका चतुर्वेदी ने की आलोचना
जैसे ही पोस्ट वायरल हुई तो बवाल मच गया और लोगों ने सभरवाल की पोस्ट की आलोचना की. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सभरवाल के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी और इसे “दयनीय” दृष्टिकोण बताया. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “यह बहुत दयनीय और बहिष्कारपूर्ण नजरिया है. यह देखना दिलचस्प है कि नौकरशाह किस तरह से अपने सीमित विचार और अपने विशेषाधिकार दिखा रहे हैं.”
सभरवाल का जवाब
आईएएस अधिकारी सभरवाल ने तुरंत जवाब देते हुए कहा, “मैडम, पूरे सम्मान के साथ, अगर नौकरशाह शासन के प्रासंगिक मुद्दों पर बात नहीं करेंगे, तो कौन करेगा? मेरे विचार और चिंता, 24 साल के करियर से उपजी हैं… कोई सीमित अनुभव नहीं. कृपया पूरा नजरिया पढ़ें. मैंने कहा है कि एआईएस की अन्य केंद्रीय सेवाओं की तुलना में अलग जरूरतें हैं. प्रतिभाशाली दिव्यांगों को निश्चित रूप से बेहतरीन अवसर मिल सकते हैं.”
Madam, with due respect, if bureaucrats do not speak on pertinent issues of governance, then who will ? My thoughts and concern, stem from a career of 24 odd years… no limited experience.
Kindly read the view in entirety. I have stated that the #AIS has different demands… https://t.co/C6bzSyi6DX
— Smita Sabharwal (@SmitaSabharwal) July 21, 2024
हालांकि, चतुर्वेदी ने आईएएस अधिकारी की फिर से आलोचना की और कहा, “मैंने नौकरशाहों को ईडब्ल्यूएस/नॉन क्रीमी लेयर या दिव्यांगता जैसे कोटे के दुरुपयोग और सिस्टम में शामिल होने की आलोचना करते नहीं देखा, बल्कि विविधता और समावेश को बढ़ावा देने वाले आरक्षण को खत्म करने की बात करते देखा है. मुझे नहीं पता कि सेवा में बिताए गए वर्षों की संख्या के बारे में आपका कहना आपके दृष्टिकोण से कैसे प्रासंगिक है. फिर भी धन्यवाद.” इस मुद्दे को लेकर जहां सभरवाल को आलोचना का सामना करना पड़ा है, वहीं कुछ अन्य लोगों ने सभरवाल का समर्थन भी किया है.