यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर बड़ा एक्शन ले लिया है। आयोग ने पूजा खेड़कर से उनका आईएएस पद छीन लिया है साथ ही उन पर भविष्य की सभी परीक्षाओं के लिए बैन लगा दिया है। आयोग ने खुद इसकी जानकारी दी है। बता दें कि खेडकर में गलत तरीके से यूपीएससी में रिजर्वेशन लेने का आरोप है। इसे लेकर इन पर मामला भी दर्ज किया गया था।
यूपीएससी ने रद्द कर दी उम्मीदवारी
आयोग ने बताया कि आज सिविल सेवा परीक्षा-2022 (सीएसई-2022) की अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है। साथ ही उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से बैन कर दिया है।
Union Public Service Commission (UPSC) cancels the provisional candidature of Puja Manorama Dilip Khedkar, a provisionally recommended candidate of the Civil Services Examination-2022 (CSE-2022) and permanently debars her from all future exams and selections: UPSC
— ANI (@ANI) July 31, 2024
दर्ज हुआ था ये मामला
बता दें कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कथित तौर पर 19 जुलाई को खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुरक्षित करने के लिए विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का मामला दर्ज किया था। इसी मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मंगलवार को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, खेडकर की ओर से पेश एडवोकेट बीना माधवन ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल को कलेक्टर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने के कारण निशाना बनाया जा रहा है।
सबसे पहले लगे थे ये आरोप
बता दें कि सबसे पहले यूपीएससी के जरिए आईएएस बनी पूजा खेडकर महाराष्ट्र में ट्रेनी तौर पर अधिकारी बनी थी। इस दौरान उन पर प्राइवेट गाड़ी में लाल बत्ती, वीवीआईपी नंबर की गाड़ी और खुद का कैबिन मांगने का आरोप लगा था। इसके बाद उनके चयन पर सवाल उठे जिसके बाद उनकी पोल खुल गई थी।
30 जुलाई तक UPSC ने दिया था समय
यूपीएससी ने पूजा खेडकर के अनुरोध पर सावधानीपूर्वक विचार किया और न्याय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उन्हें 30 जुलाई 2024 को दोपहर 3:30 बजे तक का समय दिया गया था ताकि वह कारण बताओ नोटिस का जवाब दे सकें. आयोग ने उन्हें यह भी स्पष्ट रूप से बता दिया था कि यह उनके लिए अंतिम अवसर है और समय में कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा.
उन्हें यह भी स्पष्ट शब्दों में बताया गया कि यदि उपरोक्त तिथि/समय तक कोई जवाब नहीं मिलता है, तो यूपीएससी उनसे कोई और संदर्भ लिए बिना आगे की कार्रवाई करेगा. उन्हें दिए गए समय में विस्तार के बावजूद वह निर्धारित समय के अंदर अपना स्पष्टीकरण देने में विफल रहीं, जिसके बाद आयोग ने उन पर कार्रवाई की.