उत्तराखंड कैबिनेट ने UCC बिल को मंजूरी दे दी है, दरअसल सीएम पुष्कर सिंह धामी के सरकारी आवास पर एक बैठक की गई थी. इसी के दौरान बिल को मंजूरी मिल गई है, बता दें कि बीते कुछ दिनों से इस बिल को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा था. मिली जानकारी के अनुसार बीते दिन यानी शनिवार को शाम 6 बजे सीएम के आवास पर बैठक बुलाई गई थी. जबकि इस बैठक में कैबिनेट मंत्री सहित कई नेता मौजूद थे. इस दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी UCC को लेकर मंथन किया गया था.
क्या है यूसीसी कानून
उत्तराखंड में जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. इस दौरान UCC की एक रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें एक ऐसे कानून का निर्माण करने पर चर्चा की गई जो, शादी, तलाक, संपत्ति, जाति से संबंधित मामलों पर फैसला करेगी. ये कानून सभी धर्मों पर एक समान लागू किया जाएगा. दरअसल जज रंजना प्रकाश देसाई एक रिटायर्ड जज हैं.
विधान सभा का विशेष सत्र
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार में UCC पर विचार विमर्श करने के लिए उत्तराखंड राज्य विधानसभा में आने वाले 5 फरवरी से विशेष सत्र को बुलाया गया है. जिस दौरान UCC पर विधेयक पारित कराने के लिए राज्य मंत्रिमंडल में विशेष चर्चा की जाएगी. आपको बता दें कि, उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का दायित्व धामी सरकार के निर्णय में मौजूद है. धामी सरकार राज्य में विकास के लिए तेजी से कार्य कर रही है.
The Uttarakhand Cabinet approved the UCC report in the cabinet meeting being held at the Chief Minister's residence under the chairmanship of Chief Minister Pushkar Singh Dhami. pic.twitter.com/Zf1xysFMgq
— ANI (@ANI) February 4, 2024
UCC का मुद्दा है पुराना
जानकारी दें कि, UCC का मुद्दा कई सालों से चलता आ रहा है. जिसके कारण यह राजनीतिक और बहस का केंद्र बना हुआ है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का यह मुख्य एजेंडा है, वर्ष 2014 में सरकार बनने के बाद से UCC को संसद में मंजूरी देने पर लगातार जोर दिया जा रहा है. वहीं अब 2024 में एक बार फिर से यह मुद्दा जोरो पर है.
5 फरवरी से शुरू हो रहा विधानसभा का विशेष सत्र
उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने UCC पर विधेयक पारित कराने के लिए 5 फरवरी से उत्तराखंड राज्य विधानसभा का 4 दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। विधानसभा में विधेयक के रूप में पेश करने से पहले इस मसौदे पर राज्य मंत्रिमंडल में चर्चा भी की जाएगी। बता दें कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करना धामी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस दिशा में अब तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं।