मेटल से लेकर ऑयल के बिजनेस में शामिल देश की दिग्गज कंपनी वेदांता ने कंपनी को आगे ले जाने के लिए मेगा प्लान बनाया है. अनिल अग्रवाल की वेदांता के मेगा प्लान से कंपनी के शेयर रॉकेट बन सकते हैं. दरअसल, वेदांता के मालिक अनिल अग्रवाल ने बड़े डीमर्जर का ऐलान किया है. वेदांता अपने मेगा डीमर्जर प्लान के तहत बिजनेस यूनिट्स को वैल्यू अनलॉक करने और फंडिंग पाने के लिए अलग करेगी. आइए बताते हैं वेदांता के मेगा डीमर्जर प्लान के तहत कितने बिजनेस को अलग करेगी.
इन यूनिट्स का होगा डीमर्जर
कंपनी वेदांता एल्यूमीनियम, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता पावर, वेदांता स्टील एंड फेरस मेटल्स, वेदांता बेस मेटल्स और वेदांता लिमिटेड जैसी नई कंपनियां ला रही है. इससे पहले हिंदुस्तान जिंक ने कहा कि वह अपनी जिंक, लेड, सिल्वर और रिसाइक्लिंग व्यवसायों के लिए अलग-अलग यूनिट्स बनाने की प्लानिंग कर रहा है. डीमर्ज के जरिए संभावित वैल्यू अनलॉक की जा सकती है और वह अपने कॉरपोरेट ढांचे की समीक्षा के लिए बाहरी सलाहकारों की हायरिंग करेगा.
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने भी हाल ही में कहा था कि कंपनी अपने सभी या कुछ बिजनेस को अलग से लिस्ट करने पर विचार करेगी. वेदांता लिमिटेड की यूके बेस्ड कंपनी वेदांता रिसोर्सेज रेटिंग डाउनग्रेड और अपने कर्ज को पूरा करने के लिए फंड जुटाने की तैयारी कर रही है.
वेदांता की यूनिट है हिंदुस्तान जिंक
वेदांता एक मालिक अनिल अग्रवाल कर्ज को कम करने के लिए हिंदुस्तान जिंक, जो वेदांता लिमिटेड की एक यूनिट है, उसको $2.98 बिलियन के सौदे में मूल कंपनी के कुछ जिंक एसेट्स को खरीदने के लिए कहा था. हालांकि, भारतीय सरकार की हिंदुस्तान जिंक में लगभग 30% हिस्सेदारी है, जिस कारण सरकार ने अग्रवाल के फैसले का विरोध किया था. वेदांता लिमिटेड, वेदांता रिसोर्सेज की एक सब्सिडियरी कंपनी है. वहीं, डी-मर्जर की खबरों के बाद से ही पिछले कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन शुक्रवार को वेदांता के शेयरों में 6.8% की बढ़ोतरी हुई है. अगर कंपनी अपने बिजनेस को अलग करती है तो कंपनी के शेयर रॉकेट बन सकते हैं.