उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने बिना नाम लिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, “कुछ लोगों को पता ही नहीं है कि हमारा संविधान क्या कहता है. आरक्षण हमारे संविधान में अंतर्निहित है. यह सकारात्मक कार्रवाई के रूप में है, यह हमारे संविधान का एक जीवंत पहलू है. कुछ लोग देश से बाहर जाकर इसे हल्के में लेते हैं.” उन्होंने आगे कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने होश में यह दावा कैसे कर सकता है कि कोई व्यक्ति अपने ही देश में पूजा स्थल पर नहीं जा सकता?
उपराष्ट्रपि ने कहा कि इस बात की निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं, यह अपनी चरम सीमा पर अनुचित है. जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश के बाहर हर भारतीय को इस राष्ट्र का राजदूत बनना होगा. कितना दुखद है कि एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति इसके ठीक उलट काम कर रहा है. इससे ज्यादा निंदनीय, घृणित और असहनीय कुछ नहीं हो सकता कि आप राष्ट्र के दुश्मनों का हिस्सा बन जाएं.
उपराष्ट्रपति का यह बयान बीजेपी द्वारा राहुल गांधी पर निशाना साधने के एक दिन बाद आया. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर हमले की अगुआई करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता की आदत बन गई है कि वे देश को बांटने की साजिश करने वाली ताकतों के साथ खड़े होते हैं.
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अमेरिका में बयान देते हुए भारत के अंदर आरक्षण और धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बात की थी. अमेरिका यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने वर्जीनिया में एक भाषण दिया था, जहां उन्होंने भारतीय अमेरिकी समुदाय के सैकड़ों लोगों से बातचीत की थी. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि RSS कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है. उन्होंने कहा कि भारत में राजनीति के लिए नहीं बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं. या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं.
गुरपतवंत सिंह पन्नू का भी आया था बयान
राहुल गांधी के इस बयान पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपना समर्थन दिया था. राहुल गांधी के बयान को जायज ठहराते हुए गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि राहुल गांधी ने काफी बोल्ड स्टेटमेंट दिया है. उनका ये बयान सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के अलग खालिस्तान देश की मांग को जस्टिफाई करता है. पन्नू ने कहा कि भारत में सिखों की हालत पर राहुल गांधी ने जो बयान दिया है वो न केवल साहसिक है बल्कि 1947 के बाद से भारत में सिखों पर हो रहे अत्याचार को दिखाता है. यह पंजाब की आजादी के लिहाज से सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के रुख की भी पुष्टि करता है.