12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को गमगीन कर दिया। इस त्रासदी में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया। वे अपनी पत्नी अंजलि रूपाणी को लंदन से लाने के लिए इस फ्लाइट से रवाना हुए थे और सीट नंबर 2D पर सवार थे। यह हादसा उस वक्त और ज्यादा भावनात्मक बन गया जब यह खुलासा हुआ कि रूपाणी जिस नंबर “1206” को अपना लकी नंबर मानते थे, वही तारीख—12/06—उनकी जिंदगी का अंतिम दिन बन गई।
रूपाणी का 1206 से गहरा जुड़ाव था। उनके करीबी बताते हैं कि उनकी पहली स्कूटी से लेकर बाद की सभी गाड़ियों की नंबर प्लेट पर यही अंक था। यह उनके लिए भाग्य और सफलता का प्रतीक रहा। लेकिन नियति ने इस नंबर को उनके जीवन के सबसे बड़े दुर्भाग्य में बदल दिया। 1206 यानी 12 जून को हुए इस हादसे ने न सिर्फ गुजरात, बल्कि पूरे देश को स्तब्ध कर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री के राजनीतिक जीवन की बात करें तो वे बीजेपी के लिए कठिन समय में नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालने वाले नेता थे। उन्होंने जातीय आंदोलनों और आंतरिक चुनौतियों के बीच सरकार चलाई। उनकी ‘कॉमन मैन’ छवि लोगों के बीच लोकप्रिय रही। वे ऐसे मुख्यमंत्री थे जिन्होंने काफिले में एम्बर लाइट हटाई और ट्रैफिक रोकने से मना किया था। उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभाई, जिनमें एयरपोर्ट और एम्स अस्पतालों का निर्माण शामिल था।
रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को म्यांमार के यांगून में हुआ था और वे बाद में राजकोट आ गए थे। वे 1971 में जनसंघ से जुड़े और इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए। 1987 में वे राजकोट नगर निगम में पार्षद बने, 1996-97 में मेयर और 2006 से 2012 तक राज्यसभा सांसद रहे। 2014 में विधायक और बाद में मंत्री बनने के बाद, 2016 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2017 के चुनावों में उन्होंने पार्टी को फिर से सत्ता में लाया और 2021 में इस्तीफा दिया।
उनका निधन भारतीय राजनीति के एक शांत, विनम्र और ज़मीन से जुड़े चेहरे का अंत है। पंजाब बीजेपी प्रभारी और उनके सहयोगी सुनील जाखड़ ने बताया कि रूपाणी ने लुधियाना पश्चिम उपचुनाव के चलते अपनी लंदन यात्रा स्थगित की थी और 12 जून को ही रवाना हुए थे। यह संयोग नहीं, बल्कि एक दर्दनाक नियति का खेल लगता है। राजकोट समेत पूरे राज्य में शोक की लहर है, जहां वे न सिर्फ एक नेता बल्कि एक आत्मीय पड़ोसी के तौर पर याद किए जाते हैं।