प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित एक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में काशी के गौरव का उल्लेख किया और कहा कि काशी का स्वरूप फिर से संवर रहा है, ये गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि काशी के युवा देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि महमना के इस प्रांगण में आप सब विद्वानों और खास तौर से युवा विद्वानों के बीच आकर ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाने का अनुभव प्राप्त हुआ। काशी कालतीत है समय से भी प्राचीन कही जाती है। इसकी पहचान हमारी युवा पीढ़ी जिम्मेदारी से सशक्त कर रही है।
विश्वनाथ धाम भारत को एक निर्णायक दिशा देगा, काशी में बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीएसयू में आयोजित एक पुरस्कार वितरण समारोह में अपने संबोधन में काशी की चर्चा करते हुए कहा कि विश्वनाथ धाम देश को एक निर्णायक दिशा देगा।
पीएम मोदी ने कहा कि काशी के युवा अमृतकाल में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। पिछले 10 साल में विकास की जो यात्रा काशी ने की है वह अनूठी है। पिछले 10 वर्षों में काशी बहुत बदली है। उन्होंने कहा कि हम तो निमित्त मात्र हैं करनेवाले तो महादेव हैं। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ धाम भारत को एक निर्णायक दिशा देगाभारत को एक उज्जवल भविष्य की ओर लेकर जाएगा। आज यही हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि काशी के बारे में संपूर्ण जानकारी पर आज यहां दो बुक भी लांच की गई है। पिछले 10 वर्ष में काशी ने विकास की जो यात्रा तय की है, उसके हर पड़ाव और यहां की संस्कृति का वर्णन इन बुक में भी किया गया है।
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उन्होंने कहा कि आज काशी को विरासत और विकास के एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। परंपराओं और आध्यात्म के इर्द-गिर्द किस तरह से आधुनिकता का विस्तार होता है, आज ये दुनिया देख रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने जितने भी नए विचार दिये, नए विज्ञान दिये, उनका संबंध किसी न किसी सांस्कृतिक केंद्र से है।
पीएम ने कहा कि काशी सर्व विद्या की राजधानी है। आज इसका सामर्थ्य ओर स्वरूप फिर से संवर रहा है। ये पूरे देश के लिए गौरव की बात है। अभी काशी सांसद संस्कृत प्रतियोगिता, सांसद ज्ञान प्रतियोगिता और फोटोगाफी के विजेताओं को पुरस्कार देने का अवसर मिला। सभी विजेताओं को उनके परिश्रम और प्रतिभा के लिए बधाई देता हूं। जो सफलता से कुछ कदम दूर रहे गये उनका भी अभिनंदन। आप काशी की ज्ञान परंपरा का हिस्सा बने। उसकी प्रतियोगिता में शामिल हुए। ये अपने आप में बहुत बड़ा गौरव है। आप में से कोई साथी हारा नहीं है, आप इस भागीदारी के जरिए काफी कुछ नया सीखकर कई कदम आगे आये हैं। इन प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाला बधाई का पात्र है। इस आयोजन के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास, काशी विद्वत परिषद और सभी विद्वानों का आदरपूर्वक धन्यवाद करता हूं।