संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सोममार को कानपुर में RSS के नए कार्यालय ‘केशव भवन’ का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आरएसएस का कार्यालय खुल रहा है. संघ का काम सिर्फ अपने तक सीमित नहीं है, यह समाज का भी काम है. समाज को इसमें योगदान देना चाहिए. जब सब लोग इसमें योगदान देते हैं, तो समाज सुरक्षित रहता है, दुनिया का भला होता है.
भागवत ने कहा कि पिछले 2000 साल में हम अपने स्वार्थ में उलझ गए, फूट पड़ गई, हम अपनी जिम्मेदारियों को भूल गए, जिसका फायदा आक्रांताओं ने उठाया. फिर से काम शुरू करने के लिए हमें शुरुआत करनी होगी, शुरू में जो काम किया जाता है, उसे करने वाले का काम माना जाता है, लेकिन असल में काम समाज का है. समाज को उठकर काम करना चाहिए. यह हिंदू संगठन का काम है.
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि भारत हिंदू समुदाय का घर है और इसलिए हिंदू जिम्मेदार हैं. जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, उनसे देश के बारे में पूछा जाएगा, उन्हें जवाब देना चाहिए. उनकी प्रगति भारत की प्रगति से जुड़ी है.
‘डर की वजह से नहीं बदलें अपना धर्म’
इससे पहले आरएसएस चीफ ने धर्मांतरण को लेकर बयान दिया था. उन्होंने शनिवार को वलसाड में धर्म परिवर्तन की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी. भागवत ने कहा था कि लालच या डर की वजह से अपना धर्म नहीं बदलें क्योंकि सच्चा धर्म सभी को सुख और शांति प्रदान करता है. संघ प्रमुख वलसाड जिले के श्री भाव भावेश्वर महादेव मंदिर के रजत जयंती समारोह शामिल हुए थे.
उन्होंने कहा कि हम एकजुट होना चाहते हैं. हम लड़ना नहीं चाहते, लेकिन हमें खुद को बचाना होगा क्योंकि आज भी ऐसी ताकतें हैं जो चाहती हैं कि हम धर्म परिवर्तन कर लें. हमें आसक्ति और मोह के प्रभाव में आकर काम नहीं करना चाहिए, न ही स्वार्थ में फंसना चाहिए.