ईरान में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स ने सुनाई आपबीती
इजरायल-ईरान संघर्ष के चलते ईरान में फंसे लगभग चार हजार भारतीय छात्र, जिनमें अधिकांश मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, गंभीर संकट में आ गए हैं। भारत सरकार ने इन छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए अभियान शुरू कर दिया है। हाल ही में कश्मीर के 90 छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते नई दिल्ली लाया गया है। उर्मिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज की छात्राएं और अन्य विद्यार्थी जब एयरपोर्ट पर पहुंचे, तो उन्होंने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय का आभार जताते हुए कहा कि “हमें लग रहा था कि अब हम कभी नहीं लौट पाएंगे, लेकिन भारत सरकार ने हमें सुरक्षित घर पहुंचाया।”
#WATCH | Students of the Urmia University of Medical Sciences say, "We are being evacuated back to India. We are thankful to the MEA and the Government of India for evacuating us as soon as possible."
(Source: Jammu and Kashmir Students Association) pic.twitter.com/abcgAfwYn0
— ANI (@ANI) June 18, 2025
तेहरान और अन्य संवेदनशील शहरों में फंसे कई छात्रों को भारत सरकार की पहल पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। भारतीय दूतावास लगातार ईरान में हालात पर नजर बनाए हुए है और सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि स्थिति बेहद संवेदनशील है, और सरकार ने भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द तेहरान और अन्य संवेदनशील इलाकों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक हेल्प सेंटर की स्थापना भी की है, जो वहां फंसे भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता दे रहा है।
इस संघर्ष में अब तक ईरान में 585 लोग मारे जा चुके हैं और 1,326 से अधिक लोग घायल हुए हैं। दूसरी ओर, इजरायल में 16 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है। इस तेजी से बिगड़ती स्थिति में छात्रों ने कहा, “हमें यहां से जल्दी निकालिए, हम बहुत डर में जी रहे हैं।”
भारत सरकार के त्वरित और संवेदनशील रेस्क्यू प्रयासों की इन छात्रों और उनके परिवारों ने सराहना की है, लेकिन साथ ही अब भी हजारों भारतीयों को निकालने की जरूरत बनी हुई है।
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